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मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश करने और आईटी पार्क शुरु करने के इच्छुक निवेशकों को अब अपने उद्योग में सौ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर एक एकड़ जमीन रियायती दरों पर दी जाएगी। इन संस्थाओं को सरकार 99 वर्ष की लीज पर जमीन देगी और कर्ज के लिए ब्याज अनुदान और टैक्स में भी कई तरह की रियायतें देगी। इसके लिए सरकार ने नए नियम जारी कर दिए है। सरकार चाहती है कि इस क्षेत्र में प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े। राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए विकसित और अविकसित भूमि चिन्हित करेगी। यह भूमि इसके निवेशकों को और इस क्षेत्र के डेवलपर्स को उपलब्ध कराई जाएगी। यह जमीन इन निवेशकों को रियायतों पर दी जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश करने वालों को कोर आॅपरेशन में सौ लोगों को रोजगार देने पर एक सकड़ जमीन रियायती दरों पर दी जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं में डेढ़ सौ लोगों को रोजगार देने पर एक एकड़ जमीन दी जाएगी जबकि ईएसडीएम में पचास लोगों को रोजगार देने पर एक एकड़ जमीन दी जाएगी।
इस जमीन को गिरवी रखकर निवेशक कर्ज भी दे सकेंगे। यह जमीन निवेशकों को अब 99 साल की लीज पर दी जाएगी। निवेशक इसे सबलीज पर भी दे सकेंगे। पात्र इकाई के लिए निवेशकों को टर्म लोन के ब्याज पर पांच प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। सात वर्ष तक ब्याज प्रतिपूर्ति सरकार करेगी।
एक साल में अधिकतम बारह लाख रुपए के ब्याज की भरपाई सरकार करेगी। ईएसडीएम इकाईयों के लिए दस करोड़ रुपए तक के कर्ज पर पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान अधिमिम पचास लाख रुपए तक दिया जाएगा।
ईएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण) में निवेश करने वालों को अधिकतम 25 करोड़ का पूंजी अनुदान दिया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी और इससे जुड़ी सेवाओं में निवेश करने वालों को अधिकतम पचास लाख रुपए तक का पूंजी अनुदान दिया जाएगा।
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