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कोलार के नजदीकी हबीबगंज रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के काम में और देरी हो सकती है, क्योंकि अभी तक री-डेवलपमेंट करने वाली कंपनी को स्टेशन हस्तांतरित ही नहीं हो सका है। इससे पहले दो बार 15 जनवरी और एक फरवरी को हस्तांतरण की तारीख बढ़ चुकी है। अब 25 फरवरी से इसका पहला चरण शुरू होगा, लेकिन अभी भी प्लान फाइनल नहीं है। माना जा रहा है इस दिन भी हस्तांतरण मुश्किल है।
जनवरी से हबीबगंज स्टेशन के री-डेवलपमेंट का काम शुरू होना था। कंपनी ने कहा था कि स्टेशन हस्तांरित होने के साथ काम शुरू कर देंगे, लेकिन निर्माण कंपनी और रेलवे के बीच यह प्रक्रिया लंबे समय से अटक रही है। उधर, हस्तांतरण से पहले रेलवे और निर्माण कंपनी बंसल पाथवे हबीबगंज प्राइवेट लिमिटेड (बीपीएचपीएल) ने स्टेशन की संपत्ति का सर्वे शुरू कर दिया है। दोनों ही अपने-अपने स्तर पर सर्वे करा रहे हैं, क्योंकि रेलवे के पास कमर्शियल, रेल परिचालन और एसएनटी (सिग्नल एंड टेलीकॉम) को छोड़कर जो संपत्तियां हैं, वे री-डेवलपमेंट शुरू होने के साथ ही अगले कुछ सालों तक कंपनी के अधिकार क्षेत्र में रहेंगी। बताया जा रहा है कि रेलवे और इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) के अधिकारी काम शुरू करने के पहले पुख्ता प्लान पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, ताकि काम के दौरान दिक्कत न हो।
स्टेशन के दोनों तरफ रेलवे की परिचालन से जुड़ी संपत्ति, री-डेवलपमेंट की सीमा में आने वाले भवन, इस सीमा में चल रही कमर्शियल गतिविधियां जैसे स्टेशन परिसर में पार्किंग, साफ-सफाई, रेल लाइन और यार्ड के मेंटेनेंस के लिए रखी सामग्री, प्लेटफॉर्म पर संचालित लाइसेंसी दुकानें, पेयजल सप्लाई से जुड़ी सामग्री, विद्युत व्यवस्था और उससे जुड़े उपकरण, शेड आदि संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है, ताकि हैंडओवर के समय दिक्कत न हो।
बीपीएचपीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर अबु आसिफ हस्तांतरण को लेकर अभी एक फाइनल मीटिंग होना है। तब तक संपत्ति का सर्वे करा रहे हैं। निर्माण कार्य की समयसीमा भी तब से शुरू होगी। हमें तीन में साल में काम पूरा करना है।
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