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कोलार से शुरू होने वाले रातपानी अभयारण्य से गुजरने वाले 20 किमी लंबे रेल ट्रैक को बाघ सहित अन्य वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाने की कोशिश शुरू हो गई है। मिडघाट और बुधनी स्टेशन के बीच डाउन ट्रैक को 130 मीटर चैनलिंग जाली से कवर कर दिया गया है। इसी स्थान पर 28 दिसंबर-16 को युवा बाघिन की ट्रेन से टकराकर मौत हो गई थी।
अभयारण्य प्रबंधन क्षेत्र से गुजरने वाली तीसरी रेलवे लाइन को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने का प्रस्ताव वाइल्ड लाइफ मुख्यालय को भेज चुका है। प्रस्ताव अभयारण्य प्रबंधन और रेलवे ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। इसमें तीसरी लाइन को चैनलिंग जाली से कवर करना है। इस बीच डाउन ट्रैक पर घटना हो गई और सीहोर वनमंडल ने तत्काल में सुरक्षा के कदम उठाए हैं।
वनमंडल ने उस इलाके में जाली लगाई है, जहां से बाघ और तेंदुए ट्रैक पार करते हैं। अफसर बताते हैं कि ऐसे सात रास्ते चिन्हित किए हैं, जिन्हें जाली से कवर कर दिया है। वे कहते हैं कि यह तात्कालिक व्यवस्था है। तीसरी लाइन के साथ पूरे ट्रैक को सुरक्षित किया जाएगा।
रेंजर गुलाब नागर ने कहा वन्यजीवों की आवाजाही देखते हुए 130 मीटर डाउन ट्रैक को चैनलिंग जाली से कवर कर दिया है।
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