पुराने नोटों से निगम की मिटी गरीबी
सबसे ज्यादा रेवेन्यू वार्ड 82 में
नोट बंदी के बाद नगर निगम के खजाने में पुराने नोटों से करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में जमा किए गए हैं। इससे निगम के राजस्व में खूब इजाफा हो गया है। चूंकि शहर के विकास में निगम में जमा टैक्स से ही विकास कार्य के लिए राशि का इंतजाम किया जाता है। अब निगम का खजाना भरने से पार्षदों की नजरें इस रेवेन्यू पर टिकी हैं। पार्षद अपने वार्डों मेें अटके पड़े विकास कार्यों को जल्द पूरा करवाने में लग गए हैं। सबसे ज्यादा राजस्व वार्ड 82 में जमा हुआ है। यहां 10 लाख रुपए अकेले जेके हास्टिपल से ही मिले हैं।
सबसे कम राजस्व वार्ड 81 में प्राप्त हुआ है। जोन 18 में संपत्तिकर, जलकर, सफाईकर और शिक्षा उपकर सब मिलाकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम निगम के राजस्व में जमा हुई है। रिकॉर्ड संपत्तिकर जमा होने से जनप्रतिनिधियों के चेहरे खिल उठे हैं। क्षेत्र में कई कार्य बजट के आभाव में अटके हैं।
पैसों के अभाव में सब्जीमंडी, बस स्टॉप, कोलार मेन द्वार, जर्जर सड़क समेत एक दर्जन से अधिक योजनाएं पूरी होने की बाट जोह रहीं हेैं। एमआईसी सदस्य भूपेंद्र माली का कहना है कि रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त होने से क्षेत्र में रुके हुए विकास कार्य पूरे होंगे। इसकी रूपरेखा बनना शुरू हो चुकी हैं।