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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम चीन से नहीं डरते हैं। अगर डरते होते तो बॉर्डर पर सेना तैनात नहीं करते। कांग्रेस को तो ईमानदारी से ये देखना चाहिए कि 1962 में क्या हुआ था। लद्दाख में पैंगोंग झील के पास का इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है।न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाने वाले विदेशी मीडिया, कांग्रेस पार्टी, BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री और अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बयानों की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 1984 में दिल्ली में जो हुआ उस पर अब तक डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनाई गई? इस वक्त इन सारी रिपोर्ट्स और बयानों का सिर्फ एक ही मतलब है कि लंदन और न्यूयॉर्क में चुनावी मौसम शुरू हो गया है।चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी और कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- हम पर आरोप लगता है कि हम चीन से डरते हैं, उसका नाम भी नहीं लेते हैं। मैं बता दूं कि हम चीन से नहीं डरते। अगर हम डरते हैं तो भारतीय सेना को चीन बॉर्डर पर किसने भेजा? ये सेना राहुल गांधी ने नहीं भेजी, नरेंद्र मोदी ने भेजी है।जयशंकर ने कहा- कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती हैं कि लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ब्रिज बना रहा है। मैं आपको बता दूं कि यह इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। इस वक्त भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन बॉर्डर पर तैनात है। और प्लीज आप इस बात को नोट कीजिए। जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाती है कि हम चीन के प्रति उदार हैं, लेकिन ये सच नहीं है। हम बड़े खर्च पर और बड़ी कोशिशों के साथ चीन बॉर्डर पर सेना को तैनात किए हुए हैं। इस सरकार के तहत हमने बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अपना खर्च 5 गुना बढ़ा दिया है। अब आप बताइए क्या इसे चीन के प्रति उदार होना या या बचाव की भूमिका में आना कहेंगे? आप देखिए कौन सच बता रहा है, चीजें जैसी हैं उन्हें वैसा ही दिखा रहा है और कौन इतिहास के साथ खेल रहा है।
Kolar News
21 February 2023
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