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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता का सुअवसर मिला है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश में भी बैठकें हो रही हैं। इस क्रम में भोपाल में 16 और 17 जनवरी को हो रही दो दिनी बैठक महत्वपूर्ण है। इसमें 22 देशों के 94 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। अतिथियों के समक्ष मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति, व्यंजन, आतिथ्य परम्परा के साथ ही शहर की स्वच्छता की झलक भी प्रस्तुत की जाए। मुख्यमंत्री चौहान आज शाम मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में इस बैठक से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बैठक से जुड़ी तैयारियों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बैठक में मध्यप्रदेश के ओडीओपी उत्पाद, कोदो-कुटकी जैसे उत्पादों से बने पारम्परिक व्यंजनों की जानकारी प्रदर्शनी और साहित्य के माध्यम से दी जाये। भारतीय व्यंजनों का स्वाद भी अतिथियों को मिले, इसके आवश्यक प्रबंध किये जायें। मध्यप्रदेश के पर्यटन, वन्य-जीवन, पुरा-वैभव और सुशासन सहित अन्य क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों की जानकारी भी प्रतिभागियों तक पहुँचाई जाए।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने प्रजेंटेशन में बताया कि बैठक से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर के विभिन्न स्थानों की साज-सज्जा की जाएगी। अन्य राज्यों से लगभग 100 और मध्यप्रदेश के 100 अतिथि मिलाकर कुल 300 अतिथियों की भागीदारी रहेगी। जी-20 के अंतर्गत थिंक-20 की इस बैठक की थीम "पर्यावरण सम्मत जीवन शैली-नैतिक मूल्य तथा सुमंगलमय युक्त वैश्विक सुशासन" रखी गई है। बैठक में शामिल हो रहे अन्य देशों के अतिथियों में सर्वाधिक अमेरिका हैं। यूके, ब्राजील, इंडोनेशिया, जर्मनी, फ्रांस, चीन, कनाडा, इटली, अर्जेन्टीना, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, टर्की और मेक्सिको के अतिथियों के साथ दक्षिण एशिया के देशों बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के प्रतिनिधि और यूएनडीपी, यूनीसेफ एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के 22 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। अतिथियों को बैतूल की प्रख्यात बेल मेटल (ढोकरा कला) से निर्मित कलाकृति उपहार के रूप में दी जाएगी।
जानकारी दी गई कि जी-20 की दो दिनी बैठक में आ रहे प्रतिनिधियों के रहवास, परिवहन, खान-पान और सत्कार संबंधी सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं। अतिथियों को भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण करवाया जाएगा। अतिथि रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल साँची भी जाएंगे। साँची के बौद्ध स्तूप पर जी-20 के लोगो का प्रदर्शन विशेष विद्युत सज्जा के माध्यम से किया गया है। भोपाल से साँची जाने के लिए अतिथि बीएचईएल, आनंद नगर, रायसेन के ऐतिहासिक किले के पास के मार्ग से निकलेंगे। पगनेश्वर सलामतपुर तिराहा, ढकना-चपना होते हुए वे साँची पहुँचेंगे। इस मार्ग पर हजारों बरस पुराने चित्रित शैलाश्रय भी हैं। इस मार्ग पर जन-सामान्य द्वारा अतिथियों का स्वागत भी किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
Kolar News
15 January 2023
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