Advertisement
'स्वास्थ्य का अधिकार' पर कांग्रेस ने फिर बात करना शुरू कर दी हैं | चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने 2018 के चुनावी मुद्दे फिर से उठाना शुरू कर दिए हैं।
'स्वास्थ्य का अधिकार' को कांग्रेस अपने वचन पत्र में फिर से शामिल करेगी। शिक्षा और भोजन का अधिकार भी वचन पत्र में लाने की तैयारी हैं। 'स्वास्थ्य का अधिकार" कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी अपने वचन पत्र में रखा था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने के लिए देशभर के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी बुलाया गया था। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी सरकार जाने के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी। कांग्रेस हर वक्त चुनावी मोड़ में नज़र आ रही हैं। इसलिए अब वचन पत्र पर काम शुरू कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी 'स्वास्थ्य का अधिकार" वचन पत्र में प्राथमिकता के साथ रखा जाएगा। इसके अलावा शिक्षा और भोजन के अधिकार को भी शामिल करने की तैयारी है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि वचन पत्र अद्भुत होगा। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने के लिए देशभर के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों को बुलाया गया था। इसमें इस बात पर मंथन किया गया था कि स्वास्थ्य के अधिकार में क्या-क्या शामिल किया जाए। सम्मेलन में नीति आयोग, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे। दो महीने बाद ही दूसरा सम्मेलन भी किया गया। दोनों सम्मेलनों में सभी की राय यही थी कि आयुष्मान योजना सभी के लिए लागू की जाए। गरीबी रेखा के ऊपर के लोगों से कुछ प्रीमियम लिया जा सकता है। अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई थी। इसके बाद भाजपा की सरकार आई तो इस विषय को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब आयुष्मान योजना में घोटाले उजागर होने के बाद कांग्रेस की प्राथमिकता 'स्वास्थ्य का अधिकार" लागू करने को लेकर बढ़ गई है। स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने के लिए नवंबर 2019 और जनवरी 2020 में दो बड़ी कार्यशाला कराई गई थीं। यहां विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि 'स्वास्थ्य का अधिकार" कानून में मरीजों को तय अस्पतालों में चिन्हित सेवाएं नहीं मिलने पर हर्जाने का प्रविधान किया जाना चाहिए। इस अधिकार को लागू करने के लिए हर स्तर पर एक बोर्ड बैठाने की तैयारी भी थी। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा था कि हर स्तर पर सरकारी अस्पताल में उपलब्ध इलाज, जांच, दवाएं आदि की सूची तैयार की जानी चाहिए। इसके मुताबिक मरीजों को हर हाल में इलाज देना जरूरी हो जाता। वचन पत्र अद्भुत दस्तावेज होगा। जिसे देख सत्ताधारी भाजपा घबरा जाएगी। यह सिर्फ कागजी दस्तावेज नहीं होगा, बल्कि निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने वाला भी होगा। स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन का अधिकार आमजन की प्राथमिकता होती है। उस दिशा में कांग्रेस के वचन पत्र में इन तीनों ही अधिकारों को एक दूरदर्शी निर्णय के रूप में शामिल करने का प्रयास जारी है।
Kolar News
11 December 2022
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|