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नेशनल हेराल्ड मामले में कड़ियाँ जुड़ती जा रहे है। मामले की जाँच अब दिल्ली से होती होती मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल तक आ पहुंची है। नेशनल हेराल्ड केस को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल में नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी की जांच के निर्देश दे दिए हैं। उनके निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस मनीष सिंह द्वारा एक जांच कमेटी बनायीं जाएगी । यह कमेटी जांचेगी की जमीन आवंटित करने से लेकर उसका लैंड यूज बदलने और कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की मंजूरी देने तक कैसा क्या किया गया। फिहाल जांच कमेटी के अफसर तय नहीं हुए है। यह सोमवार को तय होगा की अफसर कौन होंगे। आज से 41 साल पहले यानि 1981 में नेशनल हेराल्ड कंपनी और AJL को भोपाल में हिंदी अखबार नवजीवन के प्रकाशन लिए इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में करीब पौने दो एकड़ जमीन लीज पर दी गयी थी। जिसमे वर्तमान समय में कई कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, शोरूम और प्राइवेट ऑफिस चलाये जा रहे है। हालाँकि फिलहाल इसका मामला कोर्ट में चल रहा है क्युकी 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ज़मीन के दुरूपयोग होने का मुद्दा गरमा रहा था। जिसके बाद BDA (भोपाल विकास प्राधिकरण ) द्वारा उस ज़मीन की लीज़ रद्द को रद्द कर दिया गया था।
1981 के समय में भोपाल के MP नगर (महाराणा प्रताप नगर ) में कई मीडिया संस्थानों को अखबारों के चलने के लिए इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में काफी ज़्यादा काम दरों पर ज़मीने दी गयी थी। और जिन संस्थानों को यह ज़मीन दी गयी थी उसमे AJL भी शामिल थी। इस संस्था को एमपी नगर में 1 रूपए प्रतिवर्ग फ़ीट के हिसाब से दो एकड़ ज़मीन दी गयी थी। जिसके बाद प्रिंटिंग प्रेस लगाया गया और नवजीवन का प्रकाशन शुरू किया गया। लेकिन कुछ सालों बाद ही इसका प्रकाशन बंद हो गया। और प्रकाशन के बाद ज़मीन पर एक बड़ा काम्प्लेक्स बना दिया गया जिसमे फिलहाल कई प्राइवेट कंपनियों के शोरूम और ऑफिस खुले हुए है।
Kolar News
7 August 2022
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