Video

Advertisement


मोदी और शिवराज सरकार देश और प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेल रही है कमलनाथ
मोदी और शिवराज सरकार देश और प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेल रही है कमलनाथ

 

हर साल 2 करोड रोजगार देने का वादा करने वाले मोदी जी हर साल एक लाख सरकारी नौकरी भी नहीं दे सके : कमलनाथ 

 

हर महापुरुष की जयंती पर रोजगार देने की घोषणा करते हैं मुख्यमंत्री, लेकिन बढ़ती जा रही है बेरोजगारों की संख्या : कमलनाथ 

 

 

 

देश और प्रदेश में बैठी मोदी और शिवराज सरकार जिस तरह की नीतियां बना रही है, उससे देश और प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन संसद के पटल पर रखी रिपोर्ट में उनकी सरकार ने स्वीकार किया है कि वह हर साल एक लाख नवयुवकों को भी सरकारी नौकरी नहीं दे सके। इसी तरह मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले स्वामी विवेकानंद की जयंती पर और फिर चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर रोजगार देने का वादा किया, लेकिन सच्चाई यह है कि लाखों नौजवानों को तो दूर कुछ हजार नौजवानों को भी रोजगार नहीं मिल सका। पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने आज जारी एक बयान में यह बात कही।

श्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि मध्यप्रदेश में 18 साल से बैठी सरकार के कार्यकाल में युवाओं के अच्छे दिन आने का सपना एक सपना ही बन कर रह गया है । 

श्री कमलनाथ ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी श्रम शक्ति बनने की राह पर है, परन्तु 08 साल की केन्द्र सरकार और 18 साल की राज्य सरकार मध्यप्रदेश के युवाओं के अच्छे दिन नही ला पाई । हर साल 2 करोड़ रोजगार और न जाने कितने ट्रिलीयन की अर्थव्यवस्था की बात करने वाली सरकारें देश की युवा शक्ति को बेरोजगारी से मुक्ति नही दिला पा रही है । न जाने कितने भ्रम– स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मुद्रा योजना, आत्मनिर्भर भारत, इन्वेस्टर मीट, पर युवाओं को रोजगार नही मिला। आज प्रदेश का हर युवा कह रहा है कि जुमला नही, जबाव चाहिये, हम सभी को रोजगार चाहिये और प्रदेश में 18 सालों से सत्ता में बैठी सरकार रोजगार तो छोड़िये प्रदेश के युवाओं को जबाव देने तक की स्थिति में नही है ।

मध्यप्रदेश में लाखों युवा आज बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं और एक अद्द आजीविका के साधन को तरस रहे है । श्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार के 4 कार्यकालों में प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ़ती गई है । मध्यप्रदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए पंजीयन कराने वाले युवाओं की संख्या लगभग 30 लाख के आस-पास है जो निरंतर बढ़ रही है । यह आंकड़ा सरकार में पंजीयन कराने वालों का है, पर प्रदेश के गांवों में, प्रदेश के शहरों में वास्तविक स्थिति कुछ और ही है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार आज देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी का प्रतिशत उछाल पर  है। आज देश और प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति भयावह हो चुकी है ।

प्रदेश के लगभग सभी शासकीय विभागों में, निगमों में, मण्डलों में एवं अन्य सस्थानों में खाली पदों की भरमार पड़ी है । इन खाली पदों में नियमित पद भी है और संविदा के पद भी है । एक आंकलन के अनुसार प्रदेश में खाली पदों की संख्या लाख से अधिक और देश में 10 लाख से अधिक होगी पर खाली पदों पर भर्ती के अते-पते नही है । आज युवा सरकारी भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने के लिए रोज सरकार से मांग कर रहा है, आंदोलन कर रहा है और सरकार उन पर लाठीयां भांज रही है।

पूर्व में जिन पदों के लिए परीक्षायें हुई है, जिनके परिणाम आये है, ऐसे चयनित युवक-युवती आज तक नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे है । प्रदेश की विभिन्न सरकारी भर्तियों में चयनित

युवक-युवती अपनी नौकरी के लिए भोपाल आकर धरना प्रर्दशन कर रहे है, आंदोलन कर रहे है और लाठीयां खा रहे है और अब तो स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि रोजगार नहीं मिलने से  आत्महत्याऐं भी प्रारंभ हो गई है । यह प्रदेश के युवाओं के साथ कैसा व्यवहार है ? युवाओं के भविष्य के साथ यह किस तरह का खिलवाड़ है ? क्या यह सरकार युवाओं के जीवन को बर्वाद करने वाली सरकार है ?

प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में घोटाले और गड़बड़िया करना आम बात सी होती जा रही है । विगत 18 वर्षो के दौरान व्यापम घोटाला हुआ, युवा परेशान हुये, जीवन बर्बाद हुये, बड़ी- बड़ी बाते हुई पर भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़िया होना बंद नही हुई ? आज भी परीक्षाऐं ली जा रही है और निरस्त की जा रही है । वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग भर्ती आदि अभी निरस्त की गई है । कई परीक्षाओं के परिणाम नही आ रहे है । युवा परीक्षा देने की उम्र से अधिक उम्र के ओवर एज होते जा रहे हैं । 18 साल में सरकार परीक्षा लेने के लिए एक उपयुक्त व्यवस्था नही बना पायी है, वह भी तब जबकि भर्ती घोटालों में प्रदेश के मुखिया का नाम भी उछला है ? संस्था का नाम व्यापम से कुछ और कर देने से व्यवस्था नही सुधरती ? यह सरकार यह कब समझेगी ?

सरकार न जाने कितने मेले लगा चुकी है, न जाने कितने अभियान चला चुकी है, न जाने कितने उद्योग धंधे लगाने के लिए कितनी इन्वेस्टर मीट कर चुकी है पर प्रदेश के युवाओं को रोजगार नही दिला सकी । प्रदेश में आज रोजगार पैदा करने वाले उद्योग धंधे नही है और यही कारण है कि बेरोजगारी हमारे राज्य के युवाओं के भविष्य को खत्म कर रही है ।

श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की सरकार से आज कोई उम्मीद तो नही है पर प्रदेश के युवाओं के भविष्य को देखते हुये मैं मांग करता हॅू और उम्मीद करता हॅू कि सरकार सुधारात्मक कदम उठायेगी । आज सरकार को युवाओं को रोजगार देने की ओर कदम उठाना चाहिये । खाली पड़े सरकारी पदों पर भर्ती जारी करनी चाहिये । द्रुतगति से घोटालों के बिना परीक्षायें आयोजित करानी चाहिये और चयनितों को तत्काल नियुक्ति पत्र देकर नौकरी देना चाहिये । निजी क्षेत्र को गतिशील कर रोजगार के अवसरों को बढ़ाना चाहिये ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके ।

श्री कमलनाथ ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी युवाओं के भविष्य के साथ सरकार को खिलवाड़ करने नही देंगे और युवाओं के साथ हम भी आंदोलन करेंगे और उन्हे उनका हक दिला कर रहेंगे ।

Kolar News 1 August 2022

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.