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प्रदेश के निकाय के दोनों चरणों में मतदान का प्रतिशत 64.36 रहा, जो पिछले (2014-15) चुनाव की तुलना में चार फीसदी कम है। पहले चरण में 60 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि दूसरे चरण में 72.1 फीसदी वोटिंग हुई है, जिसमें 58.5 फीसदी महिलाएं और 62.9 फीसदी महिलाएं हैं।दूसरे चरण में हुई 44 जिलों के दोनों चरणों के वोटिंग का प्रतिशत देखा जाए तो सबसे ज्यादा 84.2 फीसदी वोटिंग अधिक आगर मालवा जिले में हुई है। दूसरे नम्बर पर मंदसौर जिला है, जहां 83.7 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं सबसे कम 50.7 फीसदी वोटिंग राजधानी भोपाल में हुई है। प्रदेश के 29 जिलों में मतदान का प्रतिशत 70 फीसदी से अधिक अधिक रहा है। वहीं सागर जिले के मकरोनिया बुजुर्ग अनूपपुर के डोल में 55 फीसदी से कम वोटिंग हुई है। नए निकायों में बंपर वोटिंग हुई है। तीन दर्जन से अधिक नगर परिषदों में 85 फीसदी से अधिक मतदान का प्रतिशत रहा है। इसकीमुख्य वजह छोटे निकाय होने के चलते यहां प्रत्याशियों की संख्या भी कम थी और वोटिंग का माहौल भी पंचायतों की तरह था। इसके अलावा मतदान केन्द्र भी काफी पास पास बनाए गए थे। बीस से अधिक नगर परिषद और नगर पालिका में 88 फीसदी से अधिक वोटिंग प्रतिशत रहा है। कई निकायों में 92 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है जो पंचायतों के वोटिंग को भी मात दे दिए हैं। प्रतिबंधित रहेगा मतगणना स्थल पर मोबाइल का उपयोगभोपाल। नगरीय निकायों के मतगणना के दौरान कोई भी मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकेगा। आयोग ने इस मतगणन स्थल पर फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसकी मुख्य वजह मतगणना कार्य की गोपनीयता भंग होने है। निर्वाचन पर्यवेक्षण के लिए आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे, जिससे वे आयोग से सतत सम्पर्क में बने रहें। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने बताया कि निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एवं गणना अभिकर्ता की मतगणना स्थल पर प्रवेश के दौरान जांच की जाएगी और मोबाइल लाने पर मतगणना स्थल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में सभी अभ्यर्थियों और मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को पहले बताने के लिए कलेक्टरों को कहा गया है।
Kolar News
15 July 2022
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