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मध्य प्रदेश के भिंड-मुरैना सहित आधा दर्जन कलेक्टरों ने पंचायतों में मतगणना कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इन जिलों के कलेक्टरों ने मप्र राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायतों में मतगणना के दौरान कानून-व्यवस्था में दिक्कतें आने की आशंका जाहिर की है। कलेक्टरों ने मतगणना ब्लाक स्तर पर कराने के संबंध में आयोग से अनुमति मांगी है। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने इन कलेक्टरों से मतगणना के संबंध में प्रस्ताव बुलाया है, जिसमें उन्हें मतदान केन्द्रों और ब्लाक की दूरी, मतपेटियों को रखने की जानकारी देनी होगी। पहली बार ऐसा हो रहा है जब कलेक्टरों ने पंचायतों में मतगणना कराने से पीछे हट रहे हैं। इससे भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, सीधी, शिवपुरी और दतिया जिले के सरपंच पदों की मतगणना वोटिंग के दिन नहीं होगी। इन जिलों में पंच-सरपंच पदों की मतगणना जनपद पंचायत सदस्यों के साथ की जाएगी। भारी सुरक्षा-व्यवस्था के साथ पंचायतों से मतपेटियां ब्लाक में ले जाई जाएंगी, वहां इन्हें स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा। स्ट्रांग रूम में सुरक्षा व्यवस्था के साथ सीसीटीवी कैमरे में लगाए जाएंगे। आयोग की अधिसूचना के अनुसार सरपंचों पदों की मतगणना और मतदान एक ही दिन तय किया गया है। इसी के चलते मतदान की प्रक्रिया सिर्फ तीन बजे तक तय की गई है। इसके बाद पंच और सरपंच पदों की मतगणना का काम शुरू हो जाता है और परिणाम भी घोषित हो जाते है, लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र ब्लाक स्तर पर आरओ के जरिए दिया जाता है। भिंड और मुरैना जिले के कलेक्टरों ने मतदान के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की है। इन जिलों के कलेक्टरों ने कानून-व्यवस्था के लिहाज से आयोग को पत्र लिखकर केन्द्रीय पुलिस बल की भी मांग की है। इन जिलों में सबसे ज्यादा संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं। बताया जाता है कि इन जिलों में कुछ क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल अभी से तैनात कर दिए गए हैं, जो मतगणना तक रहेंगे।
Kolar News
17 June 2022
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