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हमारी संस्कृति है जल संस्कृति: सीएम शिवराज
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हमारी संस्कृति, जल संस्कृति है और तालाब हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग है। हजारों सालों से भारतीय संस्कृति में जल का विशेष महत्व रहा है। हमारे महान शासकों ने अपने राज्यों में तालाब, कुआँ, बावड़ी बनवाए। आज हमारा दायित्व है कि हम न केवल उनका संरक्षण करें अपितु उस परंपरा को और आगे बढ़ाएँ।

 

मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील अंतर्गत कहूला ग्राम में आयोजित जल संसद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में जल अभिषेक अभियान की शुरुआत की। उन्होंने प्रदेश के 52 जिलों के 5 हजार अमृत सरोवर का वर्चुअल शुभारंभ और पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान में 10 हजार कार्यों का शुभारंभ किया। उन्होंने मुख्यमंत्री जल शक्ति अभियान की आयोजना का विमोचन भी किया। उन्होंने जल संचयन के लिए अपने खेतों में तालाब बनवाने वाले 551 जल योद्धाओं में से तीन जल योद्धाओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने जल संसद में पानी बचाने के लिए सभी को संकल्प भी दिलाया।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प अनुसार इस वर्ष प्रदेश में 5000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इनका कार्य इस जून माह तक अथवा अगले वर्ष मार्च माह तक पूरा हो जाएगा। प्रदेश में 10 हजार पुराने तालाबों को बचाने के लिए 350 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। जल-संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में छोटी-छोटी जल-संरचनाओं के संरक्षण का कार्य भी किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती को बचाने के लिए पानी को बचाना आवश्यक है। भूमि जल का अत्यधिक दोहन होने पर प्राकृतिक असंतुलन हो रहा है। पानी है तो हम हैं, पानी नहीं रहेगा तो कोई नहीं रहेगा। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि वर्षा जल को रोके और अधिकाधिक पौध-रोपण कर धरती के जल-स्तर को बढ़ाएँ। जन-जन को जल-संरक्षण एवं जल-संवर्धन के विषय में जागरूक करें। इस कार्य में सभी का सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रदेश में व्यापक तौर पर जल अभिषेक अभियान आज से शुरू हो रहा है।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नल के माध्यम से घर-घर जल देने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही हैं। आने वाले दो-तीन वर्षों में हर घर तक नल से पानी पहुँच जाएगा। प्रदेश में अब तक 48 लाख घरों में नल से जल पहुँच चुका है। आने वाले समय में एक करोड़ से अधिक घरों में नल के माध्यम से जल पहुँचाया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में प्रदेश की हर पंचायत जुड़ी है। मैं सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँ कि अपने गाँव में पानी बचाने के लिए जलाभिषेक अभियान से जुड़ें। इस कार्य में जन-अभियान परिषद, समाजसेवी संगठन, सभी पंचायतें, स्व- सहायता समूह और अन्य सभी वर्ग अपना पूरा-पूरा योगदान दें। आने वाले 2 माह इस दिशा में कार्य करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप सभी संकल्प ले कि जल-संरक्षण एवं जल-संवर्धन के इस पुनीत कार्य में आप सरकार के साथ खड़े हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के पानी को बचाने के लिए पेड़ लगाए जाना भी बहुत आवश्यक है। मैं रोज एक पेड़ लगाता हूँ, आप लोग भी कम से कम साल में एक पेड़ जरूर लगाएँ। पेड़ों से अच्छी बारिश होती है और वे भू-जल स्तर भी बढ़ाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर ग्राम और हर शहर का गौरव दिवस मनाया जाए। इस दिन सभी पानी बचाने, पेड़ लगाने एवं स्वच्छता का संकल्प लें।

 

चौहान ने कहा कि बेटियों की इज्जत प्रदेश की इज्जत है। बेटियाँ देवियाँ हैं, उनका पूरा- पूरा सम्मान करें। बेटियों को बुरी नजर से देखने वालों को मैं जीने के लायक नहीं रहने दूंगा। आगामी 2 मई को पूरे प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में कुल 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं। प्रदेश में 21 मार्च से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में विवाह आयोजित किए जाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि हर गाँव में आँगनबाड़ी केंद्रों का अच्छा संचालन होना चाहिए। बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि हर किसान 25 किलो अनाज आँगनवाड़ियों के लिए निकाले। उन्होंने कहा कि प्रदेश का गेहूँ विदेशों में जा रहा है, इससे किसानों को अच्छी आमदनी होगी। गाँवों को नशा मुक्त करने के लिए ग्रामीण सहयोग करें।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर गरीब को राशन, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुनिश्चित किया जा रहा है। छोटे किसानों को हर साल 10 हजार रूपये सम्मान निधि दी जा रही है। गरीबों के कोविड काल के बिजली के बिल माफ कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना से हर गरीब को आवास दिलाया जा रहा है। शिक्षा के लिए मेधावी विद्यार्थी योजना फिर से प्रारंभ की गई है।

 

कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद रमाकांत भार्गव ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ कन्याओं और कलश-पूजन के साथ किया गया। उन्होंने एक करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई गैरतगंज प्रोडक्शन कंपनी को ऋण स्वीकृति-पत्र भी प्रदान किया।

Kolar News 11 April 2022

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