Video

Advertisement


कोलार के स्वयं सेवकों का पथ संचालन
rss kolar

दशहरे से चड्डी नहीं पैंट पहनेंगे आरएसएस के लोग 

 कोलार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयं सेवक इस बार दशहरे पर पहली बार चड्डी की बजाये पैंट पहने नजर आएंगे । कोलार  में दशहरा एवं 23 अक्टूबर को बड़े स्तर पर नई यूनिफार्म में पथ संचलन की तैयारी है। संघ की यूनिफार्म में 91 साल से शामिल खाकी हाफ पैंट को इस दशहरे पर अलविदा कह कर इसका स्थान अब मैरून (कत्थई) पैंट  ले लेगा।

 

आरएसएस ने मध्यप्रदेश सहित देश के हर शहर और गांव में इस बदलाव के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। भोपाल के हर वार्ड में लगने वाली संघ की शाखाओं में स्वयंसेवकों से ट्राउजर के लिए 300 रुपए शुल्क एवं उनकी कमर व लंबाई का नाप मांगा जा रहा है। संघ के सूत्रों ने बताया कि भीलवाड़ा (राजस्थान) की एक कपड़ा मिल से खासतौर पर तैयार कराए गए इस कपड़े से लाखों की संख्या में पैंट बनवाए जा रहे हैं।

 

कोलार से पथ संचालन में  स्वयं सेवक भोपाल के लाल परेड मैदान पहुंचेंगे । उसके पहले शहर के प्रमुख क्षेत्रों से पथ संचलन भी निकाला जाएगा। दशहरे (11 अक्टूबर) को भी सांकेतिक रूप से कुछ इलाकों में संगीत की धुन पर पथ संचलन निकालने की तैयारी है।

 

आरएसएस ने छह साल पहले बदलाव करते हुए चमड़े के बेल्ट के स्थान पर रैग्जीन बेल्ट अपनाया था। इसके पहले 1973 में लांग बूट के स्थान पर सादा जूता संघ की गणवेश का हिस्सा बना था। 1925 में स्थापना के बाद से खाकी पैंट के साथ खाकी शर्ट संघ के पहनावा में शामिल थी, 1940 में इसे सफेद शर्ट से बदला दिया गया था।

 

काली टोपी, सफेद शर्ट, रैग्जीन का बेल्ट, खाकी हाफ पैंट, काले जूते एवं बांस की लाठी। (दशहरे से हाफपैंट के स्थान पर मैरून ट्राउजर)

 

पैंट से बढ़ेगी स्मार्टनेस: हाफ पैंट के स्थान पर ट्राउजर ज्यादा सुविधाजनक है और स्वयंसेवक ज्यादा स्मार्ट दिखेगा।

संघ को फीडबैक मिला था कि नए स्वयंसेवक खाकी ढीला निकर पहनने में संकोच करते हैं।नए जमाने के पहनावे और नई पीढ़ी की पसंद को ध्यान में रखते हुए 91 साल बाद संघ खाकी पैंट छोड़ रहा है।

 

Kolar News 3 September 2016

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.