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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र निर्धारित समय से पहले ही खत्म होने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्य सरकार के साथ-साथ विपक्ष पर भी निशाना साधा है।
गुरुवार को पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा कि बजट सत्र निर्धारित समय से नौ दिन पहले खत्म कर देने के लिए भाजपा की शिवराज सरकार ही नहीं, बल्कि नेता प्रतिपक्ष भी जिम्मेदार हैं। सिर्फ विपक्षी विधायक ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक भी विधानसभा को 25 मार्च तक चलाने के पक्ष में थे, इसके बाद भी सत्र निर्धारित समय तक नहीं चल सका।
गुरुवार को अपने बयान में माकपा नेता सिंह ने कहा कि लगातार तीन साल से बिना चर्चा के बजट पारित हो रहा है। यह अजीब बात है कि इस बार भी 2.79 लाख करोड़ रुपये का बजट बिना चर्चा के विधानसभा में पारित कर दिया गया। जब विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र के ही नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास से संबंधित सैकड़ों प्रश्र लगा रखे थे, तब विधानसभा की कार्यवाही 21.52 मिनट में ही स्थगित कर दी गई।
जसविंदर सिंह के अनुसार जब सरकार दावा कर रही है कि नेता प्रतिपक्ष की सहमति से विधानसभा सत्र समाप्त की गई है तो इस अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अपराध की जिम्मेदारी से नेता प्रतिपक्ष भी बच नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना का बहाना बनाकर विधानसभा की कार्यवाही मात्र 113 मिनट हुई और वर्ष 2021 में 62 घंटे में विधानसभा की औपचारिकता पूरी कर ली गई। इस बार का बजट सत्र भी 21 घंटे 52 मिनट में खत्म कर दिया गया।
माकपा नेता ने कहा कि विधानसभा जनता के दुखदर्दों की अभिव्यक्ति का सर्वोच्च मंच है और संसदीय जनतंत्र में विधानसभा अगर सरकार के विधायी कार्यों के निपटारे तक सिमट जाए तो यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। विधानसभा की कार्यवाही सरकार को ही जवाबदेह नहीं बनाती है, बल्कि नौकरशाही की निरंकुशता को भी नियंत्रण में रखती है। जसविंदर सिंह ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद विधानसभा की बैठकें आमतौर कम होती हैं, लेकिन विपक्ष भी भाजपा के अलोकतांत्रिक कदमों का समर्थन करता है तो वह भी सशक्त और सतर्क विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रहा है।
Kolar News
17 March 2022
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