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रतलाम। इस बार कुछ पंचांग निर्माणकर्ताओ ने किसी कारणवश 16 मार्च को ही होलिका दहन के विषय पर बदला गया है, साथ ही भद्रा को लेकर भी कई विद्वतजनों में संशय उत्पन्न हो रहा था , इसी बिंदु को मध्य नजर रखते हुए ज्योतिषाचार्य पं. बजरंग गिरी महाराज के नेतृत्व में मारुती ज्योतिष अनुसंधान केंद्र, बिलपांक पर ज्योतिषाचार्य पं.संजयशिवशंकर दवे, भागवताचार्य पं.चेतन शर्मा, आचार्य पं.शिवम शुक्ल शास्त्री, पं.हरिओम शर्मा, पं. ओमप्रकाश की उपस्थिति में बैठक की गई और सर्वसम्मति से होलिका दहन के विषय पर विस्तृत चर्चा की गई ताकि विप्रबंधु के संशय का निश्चित रूप से समाधान हो सके ।
इस बार 17 मार्च होलिका दहन को भद्रा दिन की 1.29 से आरंभ हो रही है जो कि रात की 12.09 तक विद्यमान रहेगी , होलिका दहन में भद्रा का मुख नहीं लिया जाता है , ऐसी स्थिति में सांयकाल प्रदोष काल सहित रात्रि काल में होलिका दहन किया जा सकता है । इस बार होली का दहन तुला लग्न में किया जाएगा और इस बार तुला लग्न का आरंभ रात्रि 20.29 से 22.44 तक रहेगा शुभमुहूर्त , इस लग्न में होलिका दहन सभी मनोकामना की सिद्धि और सभी अनिष्ट निवारण के लिए अच्छा और उपयुक्त रहेगा, ज्योतिषाचार्य पं.संजय शिवशंकर दवे ने बतलाया इस बार होली का दहन उदित की चतुर्दशी तिथि में किया जाएगा । 17 मार्च को दोपहर में 1.31 के उपरांत पूर्णिमा तिथि आरंभ हो रही है जो अगले दिन 18 मार्च को दोपहर 12.48 पर पूर्ण होगी । 18 मार्च को रात्रि में पूर्णिमा तिथि न होने के चलते ही 1 दिन पूर्व चतुर्दशी तिथि के उदित में ही मध्य रात्रि जब रात्रि में जब पूर्णिमा उपस्थित रहेगी उसी समय होलिका दहन किया जाएगा। इसी कारण 17 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है । पं.बजरंग गिरी जी महाराज ने बतलाया कि इस बार भद्रा का वास स्वर्ग में है जो कि अतिशुभ फलदाई रहेगी। साथ ही दिन की भद्रा में रात्रि का दोष नहीं होता है। दिन में आरंभ हुई भद्रा का सूर्यास्त के बाद कोई दोष नहीं होता तथा सूर्यास्त के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं ।
भद्रा का मुख नहीं लिया जा सकता परंतु मध्य व पश्चात का समय लिया जा सकता है इसीलिए इस बार 17 मार्च को प्रदोष काल में 6.33 से रात्रि 8.58 तक होलिका दहन किया जा सकता है । इसी प्रकार से भद्रा पुच्छ उसमें रात्रि 9.30 से 10.15 तक भी होलिका दहन का शुभसमय रहेगा
Kolar News
3 March 2022
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