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कुण्डलपुर महोत्सव के बाद बड़े बाबा का महामस्तकाभिषेक
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कुण्डलपुर। कुण्डलपुर महा महोत्सव के बाद बुधवार को भक्ति और भव्यता के बीच बड़े बाबा (रिषभ देव, पहले तीर्थकर) का महामस्तकाभिषेक का आयोजन किया गया है। इसे देश में सबसे बड़े जैन कार्यक्रम के तौर पर जाना जाएगा। यह पंच कल्याणक महा महोत्सव 14 से 23 फरवरी तक चला, जिसके बाद बड़े बाबा (पदमासन में बैठी मुद्रा में 12 फुट की मूर्ति) का महामस्तकाभिषेक किया जा रहा है। करीब 15 लाख लोग भक्ति और संस्कार के इस उत्सव का शाक्षी बने जिसमें 133 ब्राह्मी सुंदरी ने ब्रह्मचार्य व्रत लिया तथा 18 दीक्षार्थियों ने अपने संयम का मार्ग प्रसश्त किया। इस पञ्च कल्याणक में 2007 भारत के विंभिन्न इलाकों से लाई गयी नई प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी।

बता दें कि भारत की पहचान भव्य मंदिरों से भी है और इसलिए इस महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण 500 वर्षों की लंबी अवधि के बाद बड़े बाबा का भव्य पाषाण के मंदिर का निर्माण है। मंदिर में इस्तेमाल पत्थर का घन फुट अक्षरधाम मंदिर के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। इसे नागर शैली में बगैर इस्पात के साथ बनाया गया है । यह मंदिर पूरी तरह से बंसी पहाड़ पत्थर और कच्छ पीला पत्थर के साथ निर्मित किया गया है।

 

आचार्य श्री ने बड़े बाबा के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को अभिव्यक्त करते हुए कहा, 'बड़े बाबा का महामस्तकअभिषेक अब प्रति 9 वर्ष में अंतराल में होगा। यह सुनकर लोगों में भक्ति और हर्ष की लहार दौड़ गयी।

 

इस महा महोत्सव की सफलता के बारे में बताते हुए श्री संतोष जी सिंघल ने कहा, 'भगवान ने हमें इस महोत्सव को आयोजित करने का अवसर दिया है, जिसमें भक्ति और प्रेम पूरे देश से उमड़ रहा है। सभी वर्गों और धर्मों के लोग इस जैन कुंभ का हिस्सा बनने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

 

चौथे दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल कुंदलपुर पहुंचे और मध्य प्रदेश के प्रख्यात तीर्थ स्थल केंद्र में मौजूदा समारोह में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद लिया।

 

शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल, प्रहलाद पटेल, ओम बिड़ला और ज्योति राव सिंधिया ने 15 लाख भक्तों के साथ इस भव्य उत्सव का जश्न मनाया, जो अब विश्व इतिहास में दर्ज हो गया है।

 

पंच कल्याणक महा महोत्सव भव्य गजरथ फेरी महोत्सव के साथ समाप्त हुआ, जिसमें पूरे भारत से चांदी और सोने के 30 रथों पर नव प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को विराजमान कर पंडाल की परिक्रमा की। 3 लाख से ज्यादा लोग इस पारंपरिक समापन समारोह में शामिल हुए।

 

आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री संतोष जी सिंघल ने भी इस इवेंट की सफलता पर अपना आभार और प्रसन्नता जताई और कहा, 'बड़े बाबा और छोटे बाबा की कृपा से जंगल में मंगल हो रहा है। 10 दिन की संक्षिप्त अवधि में इस महा महोत्सव को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है, जो किसी सपने से कम नहीं है। हम सभी आयोजकों और स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए उनकी अनुमोदना करते हैं।'

 

महोत्सव में करीब 15 राज्यों और 5 देशों से 10 लाख से ज्यादा भक्त कुण्डलपुर पहुंचे। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से 40,000-50,000 से ज्यादा भक्त महामहोत्सव में पहुंचे थे।

 

कुण्डलपुर में उस समय भी इतिहास रचा गया था, जब 133 लड़कियों ने एक साथ अचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने और मोक्ष के मार्ग पर चलने का वादा किया।

Kolar News 2 March 2022

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