मप्र पर्यटन विभाग के पास किसी स्थल को पर्यटन का दर्जा देने की नहीं है कोई नीति
भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य शासन के पर्यटन विभाग के पास किसी स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की कोई नीति नहीं है। भारत सरकार की स्वदेश दर्शन पर्यटन एवं प्रसाद योजना के अंतर्गत केवल चिन्हित एवं धार्मिक स्थलों में ही अधोसंरचनाओं के निर्माण कार्य कराये जा सकते हैं। यह जानकारी मंगलवार को प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ने विधानसभा में एक विधायक द्वारा पूछे गए तारांकित सवाल के लिखित जवाब में दी।
दरअसल, अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा से कांग्रेस विधायक बृजेन्द्र सिंह यादव ने पर्यटन मंत्री से प्रश्न पूछा था कि अशोकनगर जिले में कौन-कौन से स्थानों को पुरातात्विक एवं पर्यटन स्थल का दर्जा दिया गया है? चंदेरी तहसील के आमखो स्थान पर पुराने शैल चित्र पाये गये हैं, इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और इसे पुरातात्विक धरोहर के रूप में संरक्षित करने के लिए किस स्थल पर कितनी भूमि संरक्षित की गई है।
इस सवाल के जवाब का पर्यटन मंत्री ने जो लिखित जवाब दिया है, उसमें बताया गया है कि किसी स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिये जाने की विभाग की कोई नीति नहीं है। मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत ही चिन्हित स्थलों के विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि स्वीकृत की जाती है और वहां अधोसंरचना निर्माण के कार्य कराए जाते हैं। किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने का कार्य विभाग के कार्यक्षेत्र में नहीं है।