भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों यूरिया का संकट गहराता जा रहा है। किसान सुबह से ही सहकारी समितियों पर पहुंच जाते हैं और लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े होकर दिनभर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। किसानों को प्रति हेक्टेयर के मान से यूरिया वितरित किया जा रहा है। वहीं, राज्य सरकार ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराने की बात है। कृषि विभाग के अनुसार हाल में प्रदेश में नौ रेक यूरिया आयी है और आगामी 11 दिसम्बर तक 49 रेक यूरिया की आपूर्ति होने की संभावना है।
प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने सोमवार को मीडिया से कहा कि वे स्वयं प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता, वितरण तथा आपूर्ति की सतत् मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि सभी किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार समय पर निर्धारित मूल्य पर यूरिया उपलब्ध करायी जाएगी । सोमवार को खण्डवा, इटारसी, पिपरिया, कच्छपुरा में यूरिया की दो-दो, हरदा, दमोह, मुरैना/डबरा, रतलाम और हरपालपुर में एक-एक रेक तथा तीन दिसम्बर को नीमच, ब्यावरा, विदिशा तथा बालाघाट में एक-एक और चार दिसम्बर को विक्रमनगर में दो एवं मांगलिया, मण्डीदीप, बैतूल, सतना, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर में रेक पाइंट पर एक-एक यूरिया की रेक पहुंचेगी। पांच दिसम्बर को सागर, विदिशा, नरसिंहपुर और रीवा में एक-एक, छह दिसम्बर को खण्डवा, मांगलिया, सीहोर, हरदा में एक-एक तथा मण्डीदीप में दो, सात दिसम्बर को शाजापुर, सतना और मुरैना में एक-एक, आठ दिसम्बर को मांगलिया, इटारसी और मण्डीदीप में एक-एक, नौ दिसम्बर को मुरैना, अशोक नगर/शिवपुरी में एक-एक, दस दिसम्बर को दतिया, पिपरिया में एक-एक तथा 11 दिसम्बर को खण्डवा में यूरिया की एक रेक पहुंच जाएगी। इस प्रकार, 11 दिसम्बर तक केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को 49 रेक यूरिया उपलब्ध करायी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेशभर में रबी सीजन में गेहूं और चना की बुवाई पूरी हो चुकी है और किसानों को अपनी फसलों की बढ़वार के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता है। इसीलिए वे सहकारी सोसायटियों में यूरिया के लिए दिनभर परेशान हो रहे हैं। सोमवार को भी सुबह से प्रदेश की सभी सोसायटियों में यूरिया का वितरण किया गया, लेकिन किसानों को दो से पांच बोरी तक यूरिया ही दी जा रही है। किसानों ने इसे नाकाफी बताया है। प्रदेश में यूरिया को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने सरकार पर किसाना विरोधी होने के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर यूरिया कोटे में कटौती करने और यूरिया की सप्लाई में देरी के आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि, पिछले साल की अपेक्षा मप्र को अभी तक यूरिया का ज्यादा मात्रा में स्टॉक मिल गया है, इसके बावजूद यूरिया की कमी बनी हुई है। यूरिया के लिए किसान परेशान हो रहे हैं। यूरिया के लिए दुकानों पर लंबी लाइनें लगाने को भाजपा ने कालाबाजारी से जोड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर कहा है कि सच तो यह है कि सरकार किसानों को तबाह और बर्बाद कर रही है। पहले कर्जमाफी का झूठा वादा किया, बोनस व राहत राशि के लिए तरसाया और अब यूरिया के लिए तरसा रहे हैं। 24 घंटे किसान लाइन में लगे हैं । यूरिया पर्याप्त मात्रा में है। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में यूरिया का संकट नहीं है।