इंदौर। अयोध्या फैसले के मद्देनजर इंदौर पुलिस-प्रशासन ने सोशल मीडिया पर न केवल कड़ी निगाह रखी, बल्कि कड़ी एडवाइजरी भी जारी की थी और क्राइम ब्रांच ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का गठन भी किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि फैसले के बाद लगभग एक हजार भडक़ाऊ सामग्री की जानकारी मिली। इन शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की गई और कई आरोपितों की धरपकड़ भी हुई, जिसके चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर रही और कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हो सकी। अब विशेष सेल को एसएसपी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
अयोध्या फैसले के अलावा कई महत्वपूर्ण त्यौहार भी इसी दौरान थे, जिसके चलते पुलिस-प्रशासन के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी और आज-कल सोशल मीडिया के जरिए तेजी से अफवाहें फैलती है। इस पर निगाह रखने के लिए जहां कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए, वहीं एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने क्राइम ब्रांच में एक स्पेशल सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का गठन भी करवाया, जिसने फैसला आने के पहले से ही कई व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्वीटर पर निगरानी शुरू की और भडक़ाऊ पोस्ट, मैसेज, वीडियो आपत्तिजनक पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। क्राइम ब्रांच में इस सेल को सैंकड़ों शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें लिप्त आरोपितों की धरपकड़ की गई और उनके खिलाफ विभिन्न थानों में आपराधिक प्रकरण भी पंजीबद्ध करवाए गए।
इसके अलावा भडक़ाऊ सामग्री को भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के नोडल ऑफिसों से सम्पर्क कर तत्काल डिलीट भी करवाया गया, ताकि अन्य ग्रुपों और लोगों तक यह आपत्तिजनक सामग्री नहीं पहुंच सके। इस दौरान एक हजार से अधिक इस तरह की भडक़ाऊ सामग्री की जानकारी सामने आई। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने पारिवारिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित अन्य ग्रुप में प्रसारित हो रहे मैसेजों के कंटेंट पर लगातार निगाह रखी। इसके अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर और अन्य प्लेटफॉर्म पर भी आपत्तिजनक शब्दों, वाक्यों, फोटो या वीडियो पोस्ट करने वालों की प्रोफाइल भी जांची गई और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई।
इंदौर के अलावा आसपास के जिलों धार, शाजापुर, खरगोन से भी कई शिकायतें सोशल मीडिया के जरिए प्राप्त हुई। वहीं राज्य की सीमा से बाहर उत्तरप्रदेश के संबंध में भी मिली शिकायतों को ई-मेल के जरिए वहां के पुलिस-प्रशासन को भेजा गया, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके। इनमें कई उपद्रवी और साम्प्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने के लिए फर्जी आईडी बनाने के मामले भी सामने आए, जिनमें सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए भडक़ाऊ और आस्था को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री को पोस्ट किया गया, लेकिन इंदौर पुलिस ने चूंकि इसकी पहले से ही मॉनिटरिंग की तैयारी पहले से ही कर ली थी और एक माह तक लगातार सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर निगाह रखी, जिसके परिणाम स्वरूप अयोध्या फैसले के बाद कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई और शांति व्यवस्था बहाल रही।
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने सोमवार को सुबह पुलिस कंट्रोल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर शहर की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान मीडिया सेल द्वारा उक्त जानकारी दी गई। एसएसपी ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की टीम को उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत करने की भी घोषणा की। साथ ही उन्होंने सभी थानों में अलग से महिलाओं के लिए डेस्क की व्यवस्था शुरू करने की बात कही, जहां महिला अपराधों से संबंधित प्रकरण संजीदगी से सुने जा सकें। सभी थानों में बनने वाली इन महिला डेस्क की मॉनिटरिंग भी एसएसपी द्वारा स्वयं की जाएगी।