Video

Advertisement


ऐतिहासिक भोजशाला में 39वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
bhopal, ASI survey , historic Bhojshala

भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे सोमवार को 39वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 13 अधिकारियों की टीम 37 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

सर्वे टीम की साथ मौजूद रहे मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि आज टीम ने पीछे की ओर पश्चिम क्षेत्र में लेवलिंग का काम किया है, जबकि उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में काम बंद था, जो तीन लेयर में दीवार निकली है, वहां पर स्पॉट लगाए हैं और चेक किया गया कि दीवार कितनी अंदर गई है। उन्होंने बताया कि दरगाह परिसर में आज सर्वे का काम बंद था।

वहीं, हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि एएसआई की टीम द्वारा गर्भ ग्रह में भी काम चल रहा है। आज मिट्टी हटाने का काम किया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर दिशा में मिट्टी हटाने का काम चल रहा है और सपोर्ट में पत्थरों की दीवार बनाई जा रही है, दक्षिण दिशा में भी काम चल रहा है, गर्भगृह में गति से काम चल रहा है। अब तक सर्वे के दौरान कई प्राचीन अवशेष भी मिले है जिन्हें विभिन्न तकनीकों के माध्यम से जांच कर एसआई की टीम ने संरक्षित कर लिया है। वहीं दूसरे जो स्ट्रक्चर मिले हैं वहां से मिट्टी हटाने का काम अब भी जारी है।

भोजशाला में सर्वे के लिए एएसआई को मिला आठ सप्ताह का समय

इधर मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सोमवार को धार के भोजशाला में सर्वे की समय सीमा बढ़ाने की मांग को मान लिया है। एएसआई को हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए आठ सप्ताह का समय और दिया है। अब एएसआई सर्वे के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सकेगा। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुने और फिर एएसआई को सर्वे के लिए पांच जुलाई तक का समय दिया। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से सोमवार को हुई सुनवाई में सीनियर एडवोकेट विष्णुशंकर जैन (नई दिल्ली) और विनय जोशी ने हाईकोर्ट में तर्क रखे। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे अवधि पर रोक लगाने की याचिका लगाई थी, लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका ख़ारिज कर कर दी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सर्वे की समय अवधि को बढ़ा दिया है।

अब जीपीआर मशीन का होगा इस्तेमाल

 

एएसआई का कहना है कि वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे करने में अधिक समय लग रहा है। एएसआई के मुताबिक, सर्वे में अब जीपीआर मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मशीन के लिए नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एनजीआरआई) से संपर्क किया है। वहां से अनुमति मिलते ही मशीन से सर्वे शुरू हो जाएगा। यह अत्यंत धीमी प्रक्रिया है। इसलिए उसने आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है।

यह है विवाद

भोजशाला का नाम राजा भोज के नाम पर है। जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। यह यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है, जबकि शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक प्रवेश दिया जाता है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने एक मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए। भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर एएसआई की टीम सर्वे कर रही है, लेकिन इसके लिए अभी और समय की मांग की गई है।

मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मुस्लिम धर्म स्थल है और वहां सालों से इबादत की जा रही हैजबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि यह सरस्वती मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने यहां मौलाना जलालुद्दीन की मजार बनाई थी। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। अंग्रेज भोजशाला में लगी वाग्देवी की प्रतिमा को लंदन ले गए थे। फिलहाल वाग्देवी की प्रतिमा लंदन के एक म्यूजियम में है।

Kolar News 30 April 2024

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.