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उज्जैन। उज्जैन में जीवाजी वैधशाला परिसर में नवस्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है। आनेवाले दिनों में इसे अपने मोबाइल पर एप के रूप में डाउन लोड किया जा सकेगा।
उक्त विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का निर्माण लखनऊ की संस्था ''आरोहण'' के आरोह श्रीवास्तव ने किया है। इसमें GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है। हर घटी का धार्मिक नाम और खास मतलब होगा। घड़ी में घंटे, मिनट और सेकंड वाली सुई भी रहेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह टाइम की कैलकुलेशन करेगी। मुहूर्त गणना, पंचांग, मौसम से जुड़ी जानकारी भी हमें इस घड़ी के जरिए मिलेगी।
वैदिक घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिलेगी। विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देगा। अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी। घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे। वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी होगी।
वैदिक घड़ी से जुड़ा मोबाइल ऐप भी लॉन्च होगा। वैदिक घड़ी के सभी फीचर इस एप में रहेंगे। उज्जैन में लगने वाली घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे। इसे लोग प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। उज्जैन से कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ सेंसर) गुजरी है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के अथक प्रयास से उज्जैन को टाइम कैलकुलेशन का सेंटर बनाने की भूमिका रही है।
Kolar News
2 March 2024
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