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गुड शेफर्ड नाम से देश भर में स्कूल खोलकर करा रहे कन्वर्जन
bhopal, Conversions ,Good Shepherd

भोपाल। कन्वर्जन के लिए शिक्षा और चिकित्सा पर ईसाई मिशनरी का कब्जा और उसके माध्यम से धीरे-धीरे बच्चों के मन को परिवर्तन कर कुछ बाद उनके मन में हिन्दू धर्म समेत ईसाई मत छोड़ अन्यों के प्रति वो घृणा का भाव भर दिया जाता है कि बच्चा 12वीं तक पहुंचते-पहुंचते पूरी तरह से अपने धर्म एवं मत से पूरी तरह अगल हो जाता है, फिर वह सिर्फ नाम का हिन्दू या अन्य रहता है और काम से पूरी तरह ईसाई बन चुका होता है। इस योजना पर कई चर्च पोषित संस्थाएं देश भर में पिछले कई सालों से काम कर रही हैं। लाख कानून होने के बाद लगता यही है कि इन्हें किसी से भय नहीं, मतान्तरण करने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकती हैं। ऐसे ही एक मामले में फिर से मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग सक्रिय हुआ और यह देखकर दंग रह गया कि कैसे हिन्दू बच्चों का मतान्तरण यह स्कूल करा रहा है।

 

दरअसल, मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया का है। यहां ऑपरेशन मर्शी इंडिया फाउण्डेशन (ओएमआईएफ) द्वारा संचाहित गुड शेफर्ड स्कूल में अबोध बच्चों का मतान्तरण कराया जाना पाया गया। धर्मांतरण मामले में राज्य बाल आयोग की टीम ने मौके पर पहुंचकर देखा कि कैसे स्कूल में एक परिवार के चार हिन्दू बच्चों को ईसाई बना दिया गया। आयोग ने यहां बड़ी संख्या में बाइबिल तथा स्कूल सिलेबस की पुस्तकें जो कि ईसाईयत फैलाने का काम कर रही थीं जब्त की। स्कूल प्रबंधन समेत अन्य स्टॉफ को जैसे ही शनिवार को पता चला कि बाल आयोग की टीम आ रही है, वह विद्यालय में बच्चों को छोड़कर फरार हो गया। जिसके बाद जिला प्रशासन आगे आया और उसने तुरंत बच्चों की शिक्षा का नुकसान नहीं हो, इसके लिए मामले में गंभीरता दिखाते हुए यहां पर पढ़ने वाले बच्चों की वैकल्पिक शिक्षा देने की व्यवस्था की।

 

 

हिन्दू बच्चों को विद्यालय प्रबंधन ने बना दिया ईसाई

 

मप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीओर) सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि स्कूल के रिकॉर्ड देखे हैं और एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच की गई है। जो यहां शिक्षक भी रहे। उन्होंने आरोप लगाया था कि हमारे हिन्दू बच्चों को ईसाई बना दिया गया, उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया है। जांच में आयोग की टीम को उनके दो बच्चों के फार्म मिले हैं, जिन पर हिन्दू धर्म के स्थान पर ईसाई लिखा पाया गया।

 

 

ओंकार सिंह ने बताया कि अन्य अभिभावक भी स्वीकार कर रहे हैं कि हमारे बच्चों का यहां धर्मांतरण कराया जा रहा था। यहां से बहुत कुछ जप्त हुआ है जोकि शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया। हम चाहेंगे शासन बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल को अपने कब्जे में लेकर चलाए। इसके साथ ही जो दस्तावेज हमारे पास हैं, उसके आधार पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर किए जाने की मांग हम अपने प्रतिवेदन में करेंगे।

 

जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा का इस विद्यालय को लेकर कहना रहा कि शुरू से हमारी निगाहों में यह है, यहां की शिकायते लगातार मिल रही थीं, जिसको देखते हुए समय-समय पर इसके ऊपर बीआरसी जेके जैन द्वारा कार्रवाई भी की गई है और अब बड़े स्तर पर यह कार्रवाई की जा रही है।

 

 

पूर्व अभिभावक विक्रांत कुशवाह ने सुनाई आपबीती

एक अन्य पूर्व अभिभावक विक्रांत कुशवाह ने इस स्कूल को लेकर बताया कि उनके बच्चे यहां पढ़ते थे, उनसे कहा गया कि आपके भगवान और उनका शेर तो मांस खाता है, तुम क्यों नहीं खाते, तुम भी मांस खाया करो। देवि-देवताओं को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही थीं। मेरे बच्चों से कहा जा रहा था कि तुम्हारे देवि-देवताओं के अनेक हाथ होते हैं, तुमने कभी ऐसा व्यक्ति देखा है जिसके अनेक हाथ हों! ऐसे ही अन्य बातों को लेकर हिन्दू धर्म का मजाक बनाया जा रहा था, जो मुझे पसंद नहीं आया और मैंने इसकी शिकायत स्कूल के प्राचार्य से की। जब देखा कि व्यवहार में कोई सुधार नहीं है, तो फिर अपने बच्चों को यहां से निकाल कर दूसरे विद्यालय में प्रवेश दिलवाया।

 

ऑपरेशन मर्शी इंडिया फाउण्डेशन को मतान्तरण के लिए हो रही विदेशी फंडिंग, गरीबी को बना रहे मोहरा

अब बात इस गुड शेफर्ड स्कूल जैसे देशभर में 126 से अधिक विद्यालय चला रही तेलंगाना राज्य की संस्था ऑपरेशन मर्शी इंडिया फाउण्डेशन (ओएमआईएफ) की करते हैं। दरअसल, इस संस्थान के स्कूल में पढ़ाते रहे दम्पत्ति ने जो खुलासे किए हैं वह अपने आप में इस संस्थान के द्वारा देश भर में मतान्तरण कराए जाने की पोल खोल देते हैं। इन्होंने शासन के समक्ष आवेदन देकर धर्मांतरण कराए जाने का पूरा राज खोला है। जिसमें बताया गया, कैसे उन्हें पहले नौकरी देने के लिए ईसाई मत में मतान्तरित होने का लालच दिया गया, उनकी पत्नी के साथ क्या किया और जब वे नहीं माने तो उनके बच्चों को बिना उनकी अनुमति के ईसाई बनाने का प्रयास संस्था ने किया। उनके ईसाई नहीं बनने पर उनका स्थानान्तरण ही नहीं किया बल्कि कई माह का वेतन भी उन्हें नहीं दिया गया।

 

बच्चों को गुपचुप तरीके से ले जाते हैं चर्च

 

रविशंकर पुत्र स्व. दुबरीराम उम्र 47 वर्ष ने बताया कि उन पर शिक्षक रहते हुए स्कूल प्रबंधक सेरसिंह तेरंग व स्मिता मौल द्वारा पहले बच्चों के फार्म में ईसाई मत लिखे जाने के लिए के दबाव बनाया जाता रहा, फिर हम पति-पत्नि व बच्चों को चर्च जाने का दबाव बनाया जाने लगा, जिस पर हम लोगों ने आपत्ति व्यक्त की, कि हम लोग हिंदू हैं हम चर्च नहीं जा सकते हैं तब स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों का नाम काटकर हम पति-पत्नी को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाने लगी और कहा गया कि ईसाई बनने पर ही तुम्हारे बच्चे यहां पढ़ सकते हैं और तुम लोग नौकरी कर सकते हो नहीं तो सबको निकाल दिया जायेगा।

 

इस शिक्षक ने अपने खुलासे में बताया कि कैसे स्कूल प्रबंधन द्वारा पथरिया क्षेत्र के हिंदू परिवार के पढ़ने, वाले बच्चों को नैतिक शिक्षा के नाम पर ईसाई साहित्य पढ़ाया जाता है। बाल मन को बदलने का यहां मनोवैज्ञानिक प्रयास किया जा रहा है। यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को चर्च में ले जाना, भीतर ही भीतर चोरी-छिपे ईसाईयत की प्रार्थनाएं कराना आम बात है। इतना ही नहीं इस गुड शेफर्ड स्कूल के प्रबंधक की पत्नि स्मिता मौल आरटीई के अभिभावकों से 1500 से 2000 रुपये भी लेती है। जब मैंने ऐसे अनेक गलत मामलों में विरोध किया तो ऑपरेशन मर्शी इंडिया फाउण्डेशन (ओएमआईएफ) द्वारा मेरा वेतन तथा ईपीएफ रोक दिया गया, सिर्फ इसलिए कि हम ईसाई मत स्वीकार कर लें।

 

ये लोग कराते हैं यहां बच्चों और उनके अभिभावकों का मतान्तरण

रविशंकर ने बताया कि स्कूल प्रबंधन में सेर सिंह, स्मिता मोल, जगन्नाथ गंगई, सपन दलाई, अस्विनी जेना, शोभारानी इक्का, मोनो प्रभादास, तारा, गार्ड थोबन अहिरवार यहां गरीब हिन्दू परिवार जोकि आर्थिक रूप से बहुत ही लाचार हैं, उन्हें लालच देकर, अच्छे भविष्य का सपना दिखाकर ईसाई मत में मतान्तरित करने का काम कर रहे हैं। इसका कहना है कि ओएमआईएफ संस्था मुख्यतः सिकंदराबाद तेलंगाना की है, जहाँ से इनका कार्य संपूर्ण भारत में चल रहा है। इनके गुड शेफर्ड नाम से 126 स्कूल चल रहे हैं जो पूर्ण रूप से मतान्तरण के कार्य में संलग्न हैं, तथा इन्हें विदेशों से बड़ी मात्रा में फण्डिंग भी हो रही है।

Kolar News 18 February 2024

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