Advertisement
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर शुक्रवार तड़के बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से जलाभिषेक किया। इसके बाद भांग और मेवे से उनका विशेष श्रृंगार किया गया। अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। इस दौरान बाबा महाकाल की जय-जयकार से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि माघी अमावस्या पर कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल के मस्तक पर आकर्षक मुकुट अर्पित कर उनका भांग, मावे और आभूषण से श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढंक कर भस्म रमाई गई। भस्म अर्पित करने के बाद बाबा महाकाल को रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्पों से बनी माला अर्पित की गई। जिसके बाद फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। सुबह भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल के जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा की जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।
मान्यता है कि भस्म अर्पित के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। इंसान इसी मिट्टी से मिलकर बना है और एक दिन इसी मिट्टी में मिल जाता है, लेकिन भस्म के जरिए वह भगवान शिव से हमेशा जुड़ा रहता है। इस आरती में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
Kolar News
9 February 2024
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|