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गांधीजी के सिद्धांतों ने विश्व को दिया सत्य और अहिंसा का आधुनिक दर्शन
P K kA FUNDDA  , gandhi ,mahatma gandhi ,  praveen kakkar

(प्रवीणकक्कड़

आजमहात्मागांधीकीपुण्यतिथिहै।गांधीजीदुनियाकेऐसेअनोखेराजनेताहैं, जिन्हेंलोगनेतासेबढ़करसंतकेरूपमेंयादकरतेहैं।गांधीजीकेसिद्धांतोंनेविश्वकोसत्यऔरअहिंसाकाआधुनिकदर्शनदियाहै।मार्टिनलूथरकिंगजूनियरसेलेकरबराकओबामातकउन्हेंआदर्शमानतेहैं, भारतहीनहींपूरेविश्वमेंकेवलउनकेविचारोंकीव्यापकस्वीकार्यताहै, बल्किउनकेसिद्धांतोंकोप्रासंगिकमानकरउनपरचलनेकाप्रयासकियाजारहाहै।

जबभीमहात्मागांधीकानामलियाजाताहैतबसबसेपहलेजहनमेंदोशब्दआतेहैंवोहैंसत्यऔरअहिंसा।गांधीजीनेसत्यकेप्रतिअडिगरहकरअपनापूराजीवनराष्ट्रकोसमर्पितकरदिया, उन्होंनेअपनेविचारोंसेकेवलभारतकोआजादीदिलायी, बल्किसमाजमेंअनेकसुधारभीकिए।इसीतरहगांधीजीकेअहिंसाकाआधुनिकदर्शनदिया।विश्वमेंपहलेकिसीविरोधकामतलबहोताथाहिंसकलड़ाईलेकिनमहात्मागांधीकेअहिंसादर्शननेइससोचकोबदलदिया।इसीपरलोकतंत्रकीनींवरखीगईऔरइसबातकोसाबितकियागयाकिअबदेशरूलऑफ़लाॅसेचलेगाकिरूलऑफ़साॅर्डसे।यानीआधुनिकसरकारतलवारकेजोरसेनहींकानूनकेजोरसेचलतीहै।तलवारकामुकाबलातलवारसेयानीहिंसाकामुकाबलाहिंसासेकियाजासकताहैलेकिनकानूनतोआमसहमतिसेहीबदलेजासकतेहैं, इसकेलिएजनसत्याग्रहयानीअहिंसकआंदोलनहीएकमात्रसास्ताहै। 

गांधीजीकेसत्य, अहिंसा, स्वराजऔरसत्याग्रहकेविचारशाश्वतहैं।इसकासबसेबड़ाकारणहैकिउन्होंनेजमीनीतौरपरअपनेविचारोंकापरीक्षणकियाऔरजीवनमेंसफलताअर्जितकी।महात्मागांधीकेअहिंसाकेआधुनिकदर्शनसेपूरीदुनियानेप्रेरणाली।भारतकीआजादीकेबादअधिकांशदेशोंनेइसीतरहकेआंदोलनकासहारालिया।विश्वमेंहुएअहिंसकआंदोलनोंकोसफलताभीमिली। 

गांधीजीनेअपनाजीवनसत्ययासच्चाईकीव्यापकखोजमेंसमर्पितकरदिया।उन्होंनेइसलक्ष्यकोप्राप्तकरनेकेलिएअपनीस्वयंकीगलतियोंऔरखुदपरप्रयोगकरतेहुएसीखनेकीकोशिशकी।उन्होंनेअपनीआत्मकथाकोसत्यकेप्रयोगकानामदिया।उन्होंनेअपनीखोजऔरप्रयासोंसेसत्यकानयादर्शनदिया।गांधीजीनेकहाकिसबसेमहत्वपूर्णलड़ाईलड़नेकेलिएअपनेभयऔरअसुरक्षाजैसेतत्वोंपरविजयपानाहै।गांधीजीनेअपनेविचारोंकोसबसेपहलेउससमयसंक्षेपमेंव्यक्तकियाजबउन्होंनेकहाभगवानहीसत्यहै, बादमेंउन्होंनेअपनेइसकथनकोसत्यहीभगवानहैमेंबदलदिया।इसप्रकारसत्यमेंगांधीकेदर्शनहै "परमेश्वर"

यहीकारणहैकिआजभारतहीनहींदुनियाकेसभीदेशमहात्मागांधीकोआदर्शऔरउनकेसिद्धांतोंकोप्रासंगिकमानतेहैं।

आजहमेंमहात्मागांधीकेप्रतिश्रद्धांजलिव्यक्तकरनेकेसाथहीयहभीविचारकरनाचाहिएकिकैसेहमउनकेआदर्शोंकोअपनेजीवनमेंउतारें।कैसेसत्यकेसहारेहमअपनीबाधाओंकामुकाबलाकरें।अहिंसाकेजरिएहमअपनेलक्ष्योंकीओरआगेबढ़ेऔरमजबूतचरित्रनिर्माणकेसाथपूरेसमाजकोएकसूत्रमेंबांधतेहुएसमभावकेसाथराष्ट्रनिर्माणकरें।

सत्यऔरअहिंसागांधीजीकेदोसिद्धांतहैं।यहीवजहहैकि 15 जून 2007 कोयूनाइटिडनेशनलअसेंबलीने 2 अक्टूबरकोअंतरराष्ट्रीयअहिंसादिवसमनानेकाफैसलाकिया। 

 ऐसेमिलीराष्ट्रपिताऔरमहात्माकीउपाधि 

महात्मागांधीकेराष्ट्रपिताकहेजानेकेपीछेभीएककहानीहै।महात्मागांधीकोपहलीबारसुभाषचंद्रबोसनेराष्ट्रपिताकहकरसंबोधितकियाथा। 4 जून 1944 कोसिंगापुररेडियासेएकसंदेशप्रसारितकरतेहुएराष्ट्रपितामहात्मागांधीकहाथा।इसकेबादकविऔरनोबेलपुरस्कारविजेतारवींद्रनाथटैगोरनेगांधीजीकोमहात्माकीउपाधिदीथी।

Kolar News 30 January 2024

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