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भोपाल। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम शाहपुरा में मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है। दोपहर ढाई बजे तक यहां किसी भी मतदाता ने मतदान नहीं किया। चुनाव बहिष्कार की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम गांव में पहुंची थी। उन्होंने ग्रामीणों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन कोई भी ग्रामीण मानने को तैयार नहीं था।
बताया जा रहा है कि ग्राम शाहपुरा निवासी बंटी पटेल ने चौरई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इससे पूरा गांव कांग्रेस से नाराज बताया जा रहा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज बंटी पटेल के समर्थक मतदान में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में कोई भी ग्रामीण मीडिया के सामने आकर कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है।
गौरतलब है कि शाहपुरा ग्राम से अधिकांश वोट कांग्रेस को मिलते आए हैं। 2008 से लगातार यहां पर कांग्रेस जीत रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पर मतदान प्रतिशत 99 फीसदी था, लेकिन इस बार यहां दोपहर तक एक भी वोट नहीं डाली गया।
मुरैना के बड़ापुरा गांव ने भी भी मतदान का किया बहिष्कार
इधर, मुरैना जिले के बानमोर क्षेत्र की महाटोली ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बड़ापुरा गांव में 734 ग्रामीण मतदाताओं द्वारा पोलिंग बूथ नंबर 301 पर मतदान का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले स्कूल नहीं तो वोट नहीं। पिछले 10 वर्षों से बंद पड़े प्राइमरी स्कूल की मांग को लेकर वोट डालने का बहिष्कार किया है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम बड़ापुरा में कुशवाह समाज के लोग निवास करते हैं। यहां के सरपंच शिवचरन कुशवाह और एक युवा दीपक पटेल का कहना है कि उनके गांव के तीन सौ से अधिक बच्चे गांव में विद्यालय न होने के कारण अन्य गांव में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं, इस वजह से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने गांव में बंद पड़े स्कूल की मांग जिलाधीश से लेकर राजनीतिक नेताओं तक का कई बार की जा चुकी है। लेकिन सभी ने झूठे आश्वासन देकर उन्हें अभी तक गुमराह किया है। इसीलिए सभी ग्रामीणजन एकजुट होकर वोट नहीं डालने का मन बनाया है। यहां भी दोपहर ढाई बजे तक किसी भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला। जानकारी मिलने के बाद तहसील अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को लेकर मौके पर पहुंचे और गांव वालों को समझाया। लेकिन गांव वाले वोट डालने तैयार नहीं हुए।
Kolar News
17 November 2023
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