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25 नवंबर को होगा हरि हर मिलन
ujjain. Hari Har Milan ,25th November

उज्जैन। सावन-भादो मास की तरह ही कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इस बाद कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकाली जाएगी। पहली सवारी कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार 20 नवंबर को निकलेगी। शाही सवारी 11 दिसंबर को रहेगी। 26 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर रात 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकलेगी।

महाकाल मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण-भादो मास की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। भगवान महाकालेश्वर रजत की पालकी में सवार होकर शिप्रा तट जाएंगे। कार्तिक शुक्ल अष्टमी पर 20 नवंबर को कार्तिक अगहन मास की पहली तथा 11 दिसंबर को शाही सवारी निकलेगी। शुक्ल पक्ष से शुरू होगा सवारी का क्रम हिन्दू धर्मपरंपरा में प्रत्येक माह की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से होती है।

महाराष्ट्रीयन परंपरा में किसी भी माह का शुभारंभ शुक्ल पक्ष से होता है। यही कारण है कि कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी निकालने का क्रम कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष में आने वाले प्रथम सोमवार से होता है। इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष में पहला सोमवार 20 नवंबर को रहेगा। इसलिए इस दिन से सवारी निकालने की शुरुआत होगी।

वैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन

वैकुंठ चतुर्दशी पर 2६ नवंबर को रात 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल हरि भगवान गोपालजी को सृष्टि का भार सौंपने के लिए गोपाल मंदिर जाएंगे। मध्यरात्रि 12 बजे हरिहर मिलन होगा। पूजा-अर्चना के उपरांत रात को भगवान महाकाल की सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी।

कार्तिक अगहन मास में सवारी कब-कब….

* 20 नवंबर कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी

* 25 नवंबर रात 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी

* 27 नवंबर कार्तिक-अगहन मास की दूसरी सवारी

* 04 दिसंबर कार्तिक अगहन मास की तीसरी सवारी

* 11 दिसंबर कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी

अलग रहेगा सवारी मार्ग

कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी का मार्ग भी बदलेगा। श्रावण-भादो मास में भगवान महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर से शुरु होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पहुंची है। यहां पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट के समाने से होते हुए मंदिर की ओर रवाना होती है, लेकिन कार्तिक-अगहन मास में शिप्रा तट पर पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट के बजाय शिप्रा के किनारे-किनारे राणोजी की छत्री मार्ग से शिप्रा के छोटी रपट के पास से होते हुए गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश करेगी।

Kolar News 30 October 2023

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