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इस वर्ष थांदला में नहीं भरा रावण का मेला
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झाबुआ। जिले के अनुविभागीय मुख्यालय थांदला में पिछले बांसठ वर्षों से अनवरत रूप से भरने वाला विजयादशमी मवेशी मेला इस वर्ष नहीं भरा, जबकि रावण दहन कार्यक्रम प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी आयोजित किया गया है। स्थानीय नगर परिषद के अनुसार विधानसभा निर्वाचन के दौरान लागू आचार संहिता के चलते मेला निरस्त किया गया है, किंतु ऐसा लगता है कि इसके नेपथ्य में कोई अन्य वजह है, जिसके चलते धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व यह परंपरागत मेला निरस्त किया गया है।

 

थांदला में दशहरा पर भरने वाला उक्त विजयादशमी मवेशी मेला जिसे जनजातीय समुदाय में रावण का मेला के नाम से जाना जाता है, यह मेला जिले में विभिन्न अवसरों पर भरने वाले मेलों में अपना विशिष्ठ स्थान रखता है, ओर इस मेले के लिए संपूर्ण क्षैत्र के निवासी बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं, किंतु इस वर्ष यह मेला आचार संहिता के नाम पर निरस्त कर दिया गया है।

प्रभारी सीएमओ नगर परिषद थांदला शीतल जैन से जब परंपरागत विजयादशमी मवेशी मेला निरस्त किए जाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा निर्वाचन के दौरान लागू आचार संहिता के चलते मेला निरस्त किया गया है। पर एसडीएम थांदला के अनुसार तो नगर परिषद स्वायत्त संस्था है, ओर मेला या इस तरह के धार्मिक आयोजन करने या नहीं करने के संबंध में परिषद को ही निर्णय लेना चाहिए। पूछे जाने पर सीएमओ ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी अनेक कारण हैं, जिनके चलते मेला निरस्त किया गया है। सीएमओ ने कहा परिषद कर्मचारियों को तीन माह से सेलरी नहीं मिली है। तो क्या धन का अभाव मेला निरस्ति का कारण है? सीएमओ ने कहा यह कोई वजह नहीं है, ओर भी बहुत से कारण हैं। सीएमओ ने एक तरफ जहां कहा कि मेले का तीन दिवसीय आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, ओर यदि कोई गड़बड़ी हो जाती तो जिम्मेदारी तो परिषद की ही होती, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि विजयादशमी पर मेला ही आयोजित नहीं हुआ, बाकी सब कार्यक्रम तो हो ही रहे हैं, ओर भारी संख्या में लोगों की भीड़ भी दशहरा मैदान पर इकट्ठा हो गई है। तो मेला निरस्त किए जाने के बावजूद भी लोग तो बड़ी संख्या में पहुंचे हैं, फिर मेला निरस्त किए जाने का ही आखिर क्या औचित्य है?

ऐसा पूछे जाने पर सीएमओ ने कहा कि कई वजह है, पर आचार संहिता खास वजह है।

किंतु मेला निरस्त किए जाने के नगर परिषद के निर्णय को लेकर जब अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं रिटर्निंग अधिकारी विधानसभा क्षेत्र थांदला, तरूण जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के परंपरागत धार्मिक आयोजन पूर्व वत रूप से चलते रहेंगे, बशर्ते उसमें कोई केंडिडेट आचार संहिता का उल्लंघन न करे। नगर परिषद स्वायत्त संस्था है, ओर इस तरह के धार्मिक आयोजन करने या नहीं करने संबंधी डिसिजन लेने में वह स्वतंत्र है, फिर वह हमसे परमिशन क्यों ले रहे हैं? वह स्वायत्त संस्था है।

Kolar News 24 October 2023

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