Advertisement
ग्वालियर। शारदीय नवरात्रि के नौ दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि में 22 अक्टूबर को महाअष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धी योग भी पड़ रहा है जिसमें इस दिन को मनाया जाएगा। इसके दूसरे दिन 23 अक्टूबर का नवमी का दिन मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी मनाई जाती है। ये दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी को समर्पित हैं जो ऐश्वर्य, धन और समृद्धि की देवी मानी गई हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दो दिन मुख्य माने जाते हैं, क्योंकि अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा ने चंड-मुंड का संहार किया था और नवमी को माता ने महिषासुर का वध कर भक्तों और समस्त संसार की रक्षा की थी। मान्यता है कि नवरात्रि में अगर नौ दिन तक पूजा और व्रत न कर पाएं हो तो अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रखकर देवी की उपासना करने से पूरे 9 दिन की पूजा का फल मिलता है।
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर को रात्रि 09 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होगी और 22 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अत: 22 अक्टूबर को अष्टमी मनाई जाएगी। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 26 मिनट से लेकर संध्याकाल 06 बजकर 44 मिनट तक है। इस योग में जगत जननी आदिशक्ति की पूजा करने से सभी शुभ कार्र्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है। इसी के साथ शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ भद्रवास योग समेत ये अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योग में मां की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार महानवमी 23 अक्टूबर को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक है। वहीं रवि योग पूरे दिन है। ऐसे में 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 27 मिनट के बाद से कन्या पूजन कभी भी कर सकते हैं।
Kolar News
20 October 2023
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|