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नई दिल्ली। विधि आयोग का मानना है कि एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू करने के लिए अभी और विमर्श की आवश्यकता है। साथ ही इसके लिए कुछ संवैधानिक बदलाव भी जरूरी हैं। इसको देखते हुए 2024 तक इसे लागू करना संभव नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक विधि आयोग कार्यकाल को बढ़ाकर या घटाकर सभी विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है ताकि सभी राज्यों के चुनाव 2029 के लोकसभा चुनावों के साथ कराए जा सकें। सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए पहले ही एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन कर दिया है।
विधि आयोग का मानना है कि एक राष्ट्र एक चुनाव से लोगों को अपने नेता को चुनने में अधिक सहूलियत होगी। लोग अपने नेतृत्व को चुनते समय ज्यादा विवेकपूर्ण निर्णय लेंगे। चुनाव एक समय अंतराल के बाद ही संभव होंगे, जिसके कारण जनता की चुनाव के दौरान भागीदारी भी बढ़ेगी।
विधि आयोग का यह मानना है कि एक राष्ट्र एक चुनाव से वित्तीय संसाधनों की बचत होगी और साथ ही सुरक्षा बलों की निरंतर तैनाती से भी बचा जा सकेगा। इस संबंध में विधि आयोग चुनाव आयोग के साथ विस्तार से चर्चा और विमर्श कर रहा है। उसका मानना है कि पर्याप्त समय दिए जाने पर एक राष्ट्र एक चुनाव को जमीन पर उतारा जा सकेगा।
Kolar News
29 September 2023
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