शिवराज को लगता है मंत्रालय विकास का मंदिर
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय के 346 करोड़ लागत के विस्तार भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह केवल र्इंट-पत्थर का भवन नहीं बल्कि विकास का मंदिर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा अधिकारी-कर्मचारी साढ़े सात करोड़ जनता को अपना परिवार मानकर प्रदेश को हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे राज्यों में से एक बनाने के लिये संकल्पबद्ध होकर कार्य करें। चौहान ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी-कमर्चारियों को मध्यप्रदेश के विकास में जुटने का संकल्प दिलाया। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि, सिंचाई, अधोसंरचना, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों में विकास किया है। यह विकास पड़ाव है, मंजिल नहीं। उन्होंने उपस्थित शासकीय अमले से कहा कि लगन, मेहनत, ईमानदारी और प्रामाणिकता से काम कर प्रदेश के विकास में योगदान दें। सरकारी सेवाएँ जनता को बिना किसी बाधा के उपलब्ध करवाएं। हर अधिकारी- कर्मचारी सकारात्मक दृष्टिकोण से काम करें। उनके द्वारा किये गये कार्य का असर प्रदेश की जनता पर होता है।उन्होंने कहा कि सुशासन के क्षेत्र में किये गये मध्यप्रदेश के नवाचारों को देश के अन्य राज्य ने भी लागू किया है। चौहान ने कहा कि मंथन में प्रक्रियाओं को सरल करने के लिये गये निर्णय लागू किये जायें। फाइलों के स्तर कम कर शीघ्र निर्णय की प्रक्रिया हो। व्यापक दृष्टिकोण रखते हुये समस्या का समाधान करने के प्रयत्न हो। सभी अपनी जिम्मेदारी से कार्य करें। प्रदेश के कमर्चारियों के हित में भी यथासमय निर्णय लिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पॉलिसी पेरालिसिस का दौर समाप्त हो गया है।