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नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को 'मेड इन इंडिया' जेट के साथ 'मेड इन इंडिया' मिसाइल दागकर एयरोस्पेस की दुनिया में एक और मुकाम हासिल किया। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस से पहली बार हवा से हवा में मार (बीवीआर) करने वाली स्वदेशी मिसाइल एस्ट्रा एमके-1 का परीक्षण पश्चिमी तट पर हुआ। भारत में बनी बीवीआर मिसाइल को एलएसपी-07 तेजस से दागा गया, जिसने लक्ष्य पर सीधा निशाना लगाया।
भारतीय वायु सेना को चीन सीमा पर तनाव के बीच स्वदेशी एस्ट्रा एमके-1 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर 50 मिसाइलों की पहली खेप अक्टूबर 2020 में मिली थी। करीब 100 किलोमीटर की लम्बी दूरी तक हमले करने में सक्षम इस मिसाइल को सुखोई-30 में लैस किया गया था। एस्ट्रा एमके-1 मिसाइलों को लड़ाकू सुखोई से अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई पर 4.5 मैक स्पीड के साथ लांच लिया जा सकेगा। लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 मिसाइल खरीदने का ऑर्डर किया गया था।
भारतीय वायु सेना अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस को हवा से हवा में मार करने वाली स्वदेशी मिसाइल एस्ट्रा एमके-1 से लैस करना चाहती है, इसलिए पहली बार 'मेड इन इंडिया' जेट के साथ 'मेड इन इंडिया' मिसाइल दागकर परीक्षण किया गया है। देश के परीक्षण पश्चिमी तट पर बीवीआर मिसाइल को एलएसपी-07 तेजस से दागा गया, जिसने लक्ष्य पर सीधा निशाना लगाया। एस्ट्रा मार्क-1 के बाद भविष्य के लिए दो नए वेरिएंट की योजना बनाई गई है। एस्ट्रा मार्क-2 की मारक क्षमता 160 किमी. होगी, जबकि एस्ट्रा मार्क-3 की अधिकतम रेंज फ्रांस की मिटयोर मिसाइल के बराबर 340 किमी (210 मील) होगी। इस मिसाइल में नव विकसित ठोस ईंधन डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मुताबिक़ एस्ट्रा मिसाइल 3.6 मीटर (12 फीट) लंबी है, जिसका व्यास 178 मिमी (7.0 इंच) है और इसका वजन 154 किलोग्राम (340 पाउंड) है। एस्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेशर्स से लैस है, इसलिए दुश्मन के प्रयासों को नाकाम करके अपने ऑपरेशन को अंजाम देती है। एस्ट्रा मिसाइल 4.5 मैक की गति तक पहुंचा सकती है और अधिकतम 20 किमी. (66 हजार फीट) की ऊंचाई से संचालित हो सकती है। एस्ट्रा की अधिकतम सीमा हेड-ऑन चेस मोड में 110 किमी. (68 मील) और टेल चेस मोड में 20 किमी. (12 मील) है।
Kolar News
23 August 2023
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