Video

Advertisement


संभावना गतिविधि में हुआ कबीर पद गायन और लहंगी नृत्य का प्रदर्शन
bhopal, Performance of Kabir pad, Sambhavna activity

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में शनिवार शाम को नृत्य, गायन एवं वादन पर केंद्रित गतिविधि संभावना का आयोजन किया गया, जिसमें भैरूसिंह चौहान एवं साथी, इंदौर द्वारा कबीर पद गायन एवं रामलखन एवं साथी, श्योपुर द्वारा लहंगी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

 

संग्रहालय़ के सभागार में हुई इस गतिविधि की शुरुआत भैरूसिंह चौहान एवं साथी, इंदौर द्वारा कबीर पद गायन से की गई। उन्होंने मोको कहां ढूंढे रे बंदे..., कब सुमरे नाम दिवाने..., गुरू दाता दिनी ज्ञान जड़ी...,सतगुरू जी के दरबार..., घूंघट के पट खोल रे..., राम रस प्याला है भरपूर..., पी ले रे हरि नाम का प्याला..., जैसे कई पदों की प्रस्तुति दी। गायन में मंच पर भैरूसिंह चौहान, सह गायन में नानूराम सन्वेरिया, हारमोनियम पर सागर चौहान, वायलिन पर दिलीप चौहान, ढोलक पर राम चौहान, मजीरा पर राजेंद्र चौहान ने संगत की।

 

इसके बाद रामलखन एवं साथी, श्योपुर द्वारा सहरिया जनजाति लहंगी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। सहरिया जनजाति द्वारा श्रावण मास में किया जाने वाला लंहगी समूह नृत्य है। रक्षाबंधन पूर्णिमा के दूसरे दिन भुजरियों का त्यौहार मनाया जाता है। ग्राम में भुजरियों का चल समारोह निकाला जाता है। बांस की टोकनियों में ऊगे गेहूँ के जवारों को महिलाएँ सिर पर धारण करती हैं, यही भुजरियाँ है। भुजरियों में सभी जाति के लोग सम्मिलित होते हैं। भुजरियों के जुलूस के आगे-आगे पुरूषों द्वारा लहंगी नृत्य किया जाता है। नर्तकों के हाथों में डंडे होते हैं। गोल घेरे में एक ढोलक वादक होता है। ढोलक की तीव्र थापों पर नर्तक डंडे लय के साथ लड़ाते चलते हैं, इससे नृत्य की गति बनती है। इस गति के साथ नर्तक विभिन्न मुद्रा बनाते हैं। खासकर युवा सहरिया रक्षाबंधन के अलावा तेजाजी पूजा मेला, एकादशी आदि पर्वो पर लहंगी नृत्य करते हैं।

Kolar News 13 August 2023

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.