Advertisement
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2017-18 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हर दृष्टि से ऐतिहासिक, जनोन्मुखी और किसान हितैषी बजट बताया है। उन्होंने कहा कि समग्र दृष्टि से यह बजट किसानों के कल्याण और गरीबों के उत्थान का बजट है। नौजवानों के मन में आशा और विश्वास पैदा करने का बजट है। महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण बचाने का बजट है। नदी के संरक्षण का बजट है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं फिर चाहे वह स्कूली शिक्षा हो, उच्च शिक्षा या मेडिकल एजुकेशन का क्षेत्र हो। चिकित्सा शिक्षा का बजट 61 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। स्वास्थ्य सुविधाएँ और ज्यादा सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य का बजट 16 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। विधवा बहनों को चाहे वे गरीब हों या अमीर हों, पेंशन मिलेगी। शासकीय कर्मचारियों को सातवां वेतनमान जुलाई माह से मिलेगा।
श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए 33 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण वर्ष के अंतर्गत गरीब वर्गों के कल्याण की कई योजनाएँ लागू की गयी है। प्रतिभाशाली बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति-जनजातियों की जनसंख्या के अनुपात में बजट बढ़ाया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि नया बजट मध्यप्रदेश को विकसित राज्यों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने वाला है। अधोसंरचना विकास की दृष्टि से सिंचाई और सड़कों पर पर्याप्त प्रावधान किया गया है। सिंचाई के बजट में 12 प्रतिशत और एनवीडीए के बजट में 28 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम स़ड़क योजना में डामरीकरण करने का फैसला लिया गया है। बिजली की व्यवस्था बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गरीब तबकों के लिये सबके लिये आवास, चिकित्सा और शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
श्री चौहान ने कहा कि बिना भेदभाव के 85 प्रतिशत अंक लाने वाले प्रतिभाशाली बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर सरकार उनकी फीस भरायेगी। यदि मेडिकल कॉलेज प्राइवेट हैं तो उनसे ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का बांड भरवायेंगे। इस उददेश्य से एक हजार करोड़ का फंड बनाया जा रहा है। इसके लिये बजट में 500 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के लिये बजट दिया गया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिये पर्याप्त प्रावधान है। महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के लिये प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अलग-अलग तीर्थों को जोड़ने का काम किया गया है। सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह अनूठा बजट है। शौर्य स्मारक के बाद वीर भारत का निर्माण करने की पहल की गई है। आदि शंकराचार्य की स्मृति में वेदांत पीठ की स्थापना के लिये भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि समग्र रूप से यह ऐतिहासिक बजट है।
Kolar News
1 March 2017
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|