Video

Advertisement


जात पात, पंथ, संप्रदाय, पूजा के भेद छोड़ दो-मोहन भागवत
यह विश्व ही मेरा घर है यह मानकर चलो

दुनिया जिसको रिलीजन कहती है वह सबके अलग-अलग है, लेकिन हम जिसको धर्म कहते हैं वह सारी दुनिया का एक ही है। धर्म शब्द दूसरी भाषा में नहीं है। इसके पास जाने वाली अन्य भाषाओं में है। परिस्थिति आती है तो ऐसा करना पड़ता है। शिवाजी महाराज ने किया। पूरा जीवन लगा दिया धर्म रक्षण के लिए, अपनी राज्य प्राप्ती के लिए नहीं किया। धर्म के लिए जान जोखिम में डालने के लिए काम किया। बहुत लोगों को धाक बैठाई। यहां की प्रजा की छाती पर और आज की भाषा में कहें तो हिन्दू, मुसलमान दोनों की छाती पर रौंदकर चल रही थी बादशाहियां और सुलतानतें, उनको ठीक किया। समय की आवश्यकता थी। संतों ने कहा इसके लिए सिंहासन को स्वीकार किया। आज तक कोई सुलतान, बादशाह नहीं है। धर्म छोड़ना नहीं है। मैं बड़ा बनूंगा सबको बड़ा बनाउंगा। मेरा लाभ होता है तो कम से कम मेरे गांव का लाभ होना चाहिए। यह विचार लेकर चलना है।यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शिकारपुरा स्थित गुर्जर भवन में आयोजित धर्म संस्कृति सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा- ये जात पात, पंथ, संप्रदाय, पूजा के भेद छोड़ दो। यह विश्व ही मेरा घर है यह मानकर चलो। सबका ख्याल रखकर अपना ख्याल रखना है। सभी के मुख से मंगल विचार, मंगल वाणी निकलना चाहिए। देश की भक्ति, सभी के प्रति सद्भाव होना चाहिए। एक घंटे जो शाखा सिखाती है उसे 23 घंटे अपनाना है। दुनिया का ध्यान भारत की तरफ है। भारत को गुरू बनाना चाहती है दुनिया, लेकिन भारत को इसके लिए तैयार होना पड़ेगा। इस दौरान शंकराचार्य, महामंडलेश्वर हरिहरानंद महाराज अमरकंटक, जितेंद्रनाथ महाराज श्रीनाथ पीठाधेश्वर सहित अन्य संत मौजूद थे। धर्म संस्कृति सम्मेलन में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। आसपास के जिलों से एक दिन पहले से ही यहां लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।

Kolar News 16 April 2023

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.