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जहां एक और राहुल गाँधी अडानी के मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आ रहे है.तो वही वरिष्ठ नेता शरद पवार के इस मुद्दे पर सुर बदले हुए नजर आ रहे है.कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अडाणी-हिंडनबर्ग केस में विपक्ष की JPC की मांग को बेकार बताया है। NDTV को दिए इंटरव्यू में पवार ने कहा- JPC में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत होता है। उससे सच्चाई सामने नहीं आ पाती है। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ही सही विकल्प है।उधर, कांग्रेस ने शरद पवार के बयान से खुद को अलग कर लिया। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, "ये उनके अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 पार्टियां इस पर एकमत हैं कि PM मोदी से जुड़े अडाणी ग्रुप का मुद्दा बहुत गंभीर है।जयराम रमेश ने कहा- सभी 19 विपक्षी दल एकजुट हैं। कांग्रेस इनमें सबसे बड़ी पार्टी है। और हम संविधान और लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने के लिए एक साथ खड़े रहेंगे। हम भारतीय जनता पार्टी के विभाजनकारी, विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे।इस देश में कई साल से ऐसा होता आ रहा है। अगर हमें सरकार के खिलाफ बोलना होता था, तो हम टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे। लेकिन जब हमने टाटा के योगदान को समझा, तब हमें आश्चर्य होता था कि हम टाटा-बिड़ला क्यों कहते रहे।सवाल यह है कि आप जिन लोगों को निशाना बना रहे हैं, अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो लोकतंत्र में आपको 100% उनके खिलाफ बोलने का अधिकार है, लेकिन बिना किसी अर्थ के हमला करना, ये मुझे समझ नहीं आताअंबानी ने पेट्रोकैमिकल क्षेत्र में और अडाणी ने बिजली क्षेत्र में योगदान दिया है। क्या देश को इन बिजली या पेट्रोकैमिकल की जरूरत नहीं है? ये ऐसे लोग हैं जो इस तरह की जिम्मेदारी लेते हैं और देश के नाम के लिए काम करते हैं।संसद में टकराव हो, ये ठीक है। उस दिन सत्र नहीं चलेगा, लेकिन सदन को अगले दिन चलाने की सभी की जिम्मेदारी है। चाहे आप शाम को बैठें या अगले दिन, वहां समाधान खोजने की कोशिश होनी चाहिए। लेकिन विपक्ष और सरकार दोनों ने कोशिश नहीं की। संवाद की यह प्रक्रिया इन दिनों नहीं दिखी।
Kolar News
13 April 2023
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