Advertisement
मप्र के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने पीसीसी में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और शिवराज सरकार को घेरा। सचिन यादव ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा जारी किए गए दृष्टि पत्र में किसानों के लिए किए गए वादों और हाल ही में लाए गए शिवराज सरकार के अंतिम बजट में राशि के प्रावधान न करने पर सरकार को घेरा। पीसीसी में जब सचिन यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उस वक्त 18 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो बार बिजली गुल हो गई। इसके बाद सचिन यादव ने कहा- भाजपा की सरकार को मप्र में 18 साल पूरे हो रहे हैं। यादव ने कहा जिनको जवाब देना चाहिए वो विपक्ष से उल्टे सवाल पूछ रहे हैं। ये लोकतंत्र में पूरे विश्व में कभी भी कहीं और आज तक नहीं देखा। भाजपा की सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया। इसमें कई वादे और दावे सीएम और बीजेपी के नेताओं ने किए वो खोखले निकले।किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज रियायती दरों पर दिए जाएंगे। लघु सीमांत किसानों में जाति का बंधन नहीं रहेगा। हकीकत में जब बजट में इसको देखते हैं तो सूरजधारा और अन्नपूर्णा योजना में बजट का प्रावधान शून्य रखा गया।
कृषि उपज को मूल्य स्थिरीकरण कोष का गठन किया जाएगा। बजट में मात्र एक हजार रूपए का प्रावधान किया।छोटे किसान जो उपार्जन केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाते उनके लिए लघु किसान स्वाबलंबन योजना शुरु करेंगे। एक हजार प्रावधान किया गया।भावान्तर योजना में सिर्फ एक हजार का प्रावधान किया।आधुनिक तकनीक को अधिकतम किसानों तक पहुंचाने के लिए कस्टम हायरिंग केन्द्र की दोगुना करेंगे। बजट में प्रावधान शून्य रखा गया।ऑपरेशन ग्रीन्स में आलू प्यास के प्रसंस्करण और विकास की बात की लेकिन बजट में मात्र 3 हजार रुपए का प्रावधान किया गया। कोल्ड स्टोरेज की क्षमता बढ़ाने के लिए दोगुनी करने की बात कही थी। क्या मात्र 3 हजार रुपए में कोल्ड स्टोरेज की संख्या दोगुनी की जा सकती है?राज्य कृषि आयोग का पुर्नगठन किया जाएगा। बजट में सिर्फ 26 हजार रूपए का प्रावधान किया गया। मप्र कृषि स्टार्ट अप कोष की स्थापना में सौ करोड के बजट की बात कही थी। वो कोष कहां हैं? पूरे बजट में ये देखने को नहीं मिला।मप्र में फूड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी की स्थापना का वादा किया था। आज तक इसका अता पता नहीं हैं।जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र, फसल रोग कीट निगरानी संस्था की स्थापना करेंगे। एक भी संस्था नहीं बनी। स्व सहायता समूहों के जरिए बीज और कृषि उपकरणों की सुविधा देने के लिए 500 करोड का विशेष कोष की बात कही थी। बजट में ये कहीं नहीं दिखा। मप्र में अगले पांच सालों में दूध उत्पादन को ढाई करोड तक बढ़ाने की बात कही थी। उज्जैन में पीपीपी मोड पर तीन लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाले प्याज भंडारण केन्द्र बनाएंगे। प्रदेश की 4500 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की संख्या 18 साल की भाजपा की सरकार में नहीं बढ़ी। बीजेपी ने 12 हजार साख समितियों के गठन की बात कही थी।मप्र में एक हजार नए सॉइल टेस्टिंग केन्द्र बनाने का वादा किया था। मप्र के एक छोर से दूसरे छोर तक कृषि प्रसंस्करण को बढावा देने के लिए कॉरिडोर बनाने की बात कही थी। पूरे मप्र में कहीं भी कॉरिडोर नहीं दिखा। अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। सरकार ने एक हफ्ते में सर्वे करके मुआवजा देने की बात कही थी।
Kolar News
10 April 2023
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|