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मध्यप्रदेश के जबलपुर की सड़कें रोजाना खून से लाल हो रही हैं। इस साल बीते 2 माह में ही जबलपुर में 875 सड़क हादसे हुए, जिसमें 901 लोग घायल हुए और 88 लोगों ने दम तोड़ दिया। बीते 2 सालों में यहां 1 हजार 56 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है जबकि 8 हजार 838 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। वजह जो सामने आई है वह है यह है कि ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना और सड़कों के ब्लैक स्पॉट्स। जबलपुर के 27 ब्लैक स्पॉट्स किस तरह मौत के हॉटस्पॉट बन गए हैं। हालांकि जबलपुर पुलिस अब एनएचएआई, स्टेट हाईवे और पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर ब्लैक स्पॉट में हो रहीं दुर्घटनाओं को कम करने की जुगत में जुटी हुई है।यानि वो जगह जहां अक्सर सड़क हादसे होते हैं.. कहीं सड़कों की बनावट में गड़बड़ी तो कहीं अंधे मोड़,कहीं सरपट सड़कें तो कहीं बिना साईन बोर्ड्स वाली क्रॉसिंग... सड़क हादसों को न्यौता देने वाली इन जगहों को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है जो आए दिन खून से लाल होते हैं। जबलपुर में नागपुर-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग में एक नहीं बल्कि 27 ब्लैक स्पॉट हैं। जबलपुर की ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसों के लिहाज से संवेदनशील जगहों यानि ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित कर इनकी संख्या 16 से बढ़ाकर 27 कर दी है। जिसमें पाटन मेन रोड में नुनसर तिराहा, खमरिया की अमझर घाटी, आमाखोह मोड़, वेस्टलैण्ड पेट्रोलपंप, डाकघर मोड़, सिरोहा का बरगी मोहला, पनागर का बरौदा तिराहा, कुशनेर, चरगवां की गंगई नहर, बिजौरी, बरगी की रमनपुर घाटी,ग्लोबल कॉलेज से पाटन बायपास ब्रिज, कटंगी बायपास से सूरतलाई पुल, कृषि उपज मंडी से दीनदयाल चौक, अंधमूक बायपास, मदन महल लिंक रोड़, होमसाइंस कॉलेज रोड, करौंदा नाला, खजरी बायपास, उर्दना नाला से सुहागी हनुमान मंदिर, सूपाताल रोड,रिछाई तिराहा,रोझा गांव से उड़ना सड़क, गोसलपुर का बरनू तिराहा, गोसलपुर गांव,कटंगी का राजघाट और लम्हेटा बायपास का सगड़ा चौराहा शामिल है। इन 27 ब्लैक स्पॉट्स में बीते 3 सालों में हुए जानलेवा हादसों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
Kolar News
4 April 2023
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