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प्रदेश भर में खुले कुंए व बोरवेल की जांच होगीः मुख्यमंत्री
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इंदौर। शहर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में रामनवमी पर बावड़ी की छत धंसने से हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंच गई है। हादसे के 24 घंटे बाद भी एक व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। उसकी तलाश जारी है।

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना करने के बाद अस्पताल का भी दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी लेकर उचित उपचार के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

दरअसल, शहर के स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के ऊपर की छत धंसने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले यह संख्या 25 बताई जा रही थी लेकिन घटना के बाद से जारी रेस्क्यू अभियान शुक्रवार को भी जारी है। अब तक बावड़ी से 35 शव निकाले जा चुके हैं। मृतकों में 21 महिलाएं और 14 पुरुष हैं। इनमें तीन बच्चे और एक बच्ची भी शामिल है, जबकि 20 से ज्यादा लोगों का अभी इलाज चल रहा है। अभी मंदिर की दीवार और बावड़ी की स्लैब तोड़ी जा रही है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है। प्रशासन की भी कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। बावड़ी से काला पानी निकल रहा है, जिससे टीम को परेशानी आ रही है। समाचार लिखे जाने तक 53 वर्षीय एक व्यक्ति लापता बताया गया है।

घटना दुर्भाग्यपूर्णः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह इंदौर पहुंचे और एप्पल अस्पताल में भर्ती घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ''घायलों का इलाज सरकार कराएगी। प्रदेश में ऐसे ढंके हुए कुएं-बावड़ी की तलाश कर खोले जाएंगे, ताकि फिर कोई हादसा न हो।''

इसके बाद उन्होंने घटनास्थल का दौरा भी किया। मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगातार रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। पूरा प्रशासन और मैंने रातभर बैठकर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। हमारी इस समय प्राथमिकता यह है कि अंतिम खोए व्यक्ति की तलाश पूरी की जाए और रेस्क्यू आपरेशन पूरा किया जाए। हमने घटना के मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में पुलिस केस भी दर्ज किया गया है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे में पीड़ित परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की है। राज्य सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस दौरान उनके साथ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी सिंह गौड़, पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदीवे भी वहां मौजूद थे।

एक साथ निकलेगी शवयात्रा

 

सिंधी समाज और पटेल समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार रीजनल पार्क में होगा। सिंधी समाज के 17 लोगों का 11, 12 और 2 बजे अंतिम संस्कार होगा। वहीं पटेल समाज के 11 मृतकों का अंतिम संस्कार 4 बजे होगा। 11 लोगों की शवयात्रा पटेल धर्मशाला से एक साथ निकलेगी। शाम चार बजे रीजनल पार्क ले जाएंगे। शुक्रवार को हादसे में मारे गए लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद ले जाने का सिलसिला जारी रहा।

पाटीदार धर्मशाला में लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विरोध किया। रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही को लेकर विरोध जताया। पटेल धर्मशाला में लोगों में रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर रहवासियों ने गुस्से का इजहार किया। उनका कहना था कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में जाने गई हैं। परिजनों ने आकाश विजयवर्गीय से भी आक्रोश जताया। लापता व घायल व्यक्तियों की जानकारी के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

Kolar News 31 March 2023

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