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हंगामे के बीच भोपाल नगर निगम का 3306.31 करोड़ का बजट प्रस्तुत
bhopal, budget , municipal corporation

भोपाल। भोपाल नगर निगम की परिषद के साधारण सम्मेलन में मंगलवार को महापौर मालती राय ने वर्तमान परिषद का अपना पहला बजट प्रस्तुत किया। उन्होंने 3306.31 करोड़ रुपये का बजट किया। यह 8231 रुपये घाटे का बजट बताया गया है। पांच घंटे से ज्यादा चली बजट बैठक में कई बार हंगामा हुआ। नीमच जिले में लगने वाले विंड और सौलर प्रोजेक्ट, बीआरटीएस, अतिक्रमण, स्मार्ट सिटी के काम को लेकर कई बार हंगामे की स्थिति बनी। तीन बार तो कांग्रेसी पार्षद अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए, जबकि एक बार धरने पर भी बैठ गए।

 

 

बजट में जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। महापौर की पांच और अध्यक्ष की दो करोड़ रुपये की निधि रहेगी, जबकि पार्षदों की निधि 25 लाख रुपये की रहेगी। पिछली बार की तुलना में पार्षद निधि 10 लाख रुपये तक घट गई, लेकिन इस बार निर्णय लिया गया कि प्रॉपर्टी टैक्स का 50 फीसदी राशि उन्हीं के वार्ड में खर्च की जाएगी।

 

 

महापौर मालती राय ने अपने बजट भाषण में कहा कि भोपाल में रविंद्र भवन जैसे और भी ऑडिटोरिम बनेंगे। इनमें सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक समारोह बड़े स्तर पर हो सकेंगे। इसके लिए 10 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। वहीं, गुरुनानक देव कॉरिडोर पर दो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जो अवैध कॉलोनी वैध होंगी, वहां सड़कें-बिजली और पानी आदि की व्यवस्था की जाएगी। इसमें 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

 

 

अभिभाषण के दौरान महापौर ने कहा कि बल्क की जगह व्यक्तिगत नल कनेक्शन देने की दिशा में काम करेंगे। अमृत 2.0 में सभी घरों में पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य है। इस योजना में 'हर घर नर्मदा जल' आसानी से प्राप्त हो और मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार निजी कॉलोनियों में व्यक्तिगत नल कनेक्शन दिए जाएंगे। इसमें 379 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

 

 

उन्होंने कहा कि भोपाल की हर कॉलोनी में एक पार्क का कॉन्सेप्ट भी तैयार किया गया है ताकि, बड़े-बच्चे सभी यहां घूमने पहुंच सके। इसलिए शहर में पार्कों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राजधानी को सुंदर बनाने के लिए भी 10 करोड़ रुपये रखे गए हैं। गरीब बस्तियों में नाला-नाली, सामुदायिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 791 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं, वैध की गई अवैध बस्तियों में शेष बचे के लिए 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। निचली बस्तियों में नाला-नाली निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जीर्ण-शीर्ण हो चुकी बस्तियों के पुनर्व्यवस्थापन और री-डेंसिफिकेशन योजनाओं के क्रियान्वयन और सर्वेक्षण में एक करोड़ रुपये खर्च होंगे।

 

शहर में पांच हजार से ज्यादा मीट दुकानें हैं। कई ऐसी जगहों पर हैं, जहां से कुछ दूरी पर ही मेन रोड, मंदिर या स्कूल-कॉलेज हैं। ऐसे में राहगीरों को परेशानी होती है। इसलिए कवर्ड मीट मार्केट और स्मार्ट फिश मार्केट बनाया जाएगा। इसमें साढ़े 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बड़ा तालाब भोपाल की शान है। हर साल झील महोत्सव मनाया जाता है। इस बार महोत्सव पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, प्रेमपुरा घाट का 3 करोड़ रुपये में जीर्णोंद्धार किया जाएगा। अन्य घाटों को भी सुधारा जाएगा।

 

 

महापौर ने कहा कि सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव करीब 500 साल पहले भोपाल आए थे। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, जिस स्थान पर वो रुके थे, वहां उन्होंने एक कुष्ठ रोगी का कोढ़ भी ठीक किया था। जिस स्थान पर गुरुनानक देव जी बैठे थे, वहां आज गुरुद्वारा टेकरी साहिब बना। आज भी वहां उनके पैरों के निशान मौजूद हैं। यह ईदगाह हिल्स में है। इसलिए गुरुनानक कॉरिडोर के सौंदर्यीकरण के लए दो करोड़ खर्च किए जाएंगे।

 

 

नगर निगम के ऐसे कम्युनिटी हॉल, जिनका उपयोग न होने के कारण वे जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं, उनका जीर्णोंद्धार कर संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए 50 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यहां आकर बच्चे रानी कमलापति और राजा भोज के बारे में वे जान सकेंगे।

 

 

बजट में मिनी स्पोर्ट्स सेंटर का निर्माण करने का प्रावधान भी है। इसमें 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शहर में लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए पीएम आवास योजना में राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें कुल 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

 

 

 

निगम के कर्मचारियों की बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं में 75 प्रतिशत अंक लाने पर उन्हें पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। निगम में 12 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। शहर में ट्रैफिक और चौराहों के लिए भी बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। चौराहों पर सिग्नल, ब्लिंकर्स बनेंगे। कुल 9 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रोड संकेतक बोर्ड, रिफ्लेक्टर, जैबरा क्रॉसिंग आदि कार्य के लिए दो करोड़ रुपए का प्रावधान है। चौराहों पर अन्य विकास कार्य के लिए साढ़े 5 करोड़ रुपए का खर्च होगा।

 

शहर के विश्राम घाटों में व्यवस्थाएं करने के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। होशंगाबाद रोड पर नए विश्राम घाट का निर्माण कराया जाएगा। कब्रिस्तान में भी कार्य कराए जाएंगे।

 

 

पुरानी गाड़ियां होंगी स्क्रैप

निगम के पुराने वाहनों को स्क्रैप करेंगे। 15 साल पुराने वाहनों को बंद करेंगे और नए वाहन खरीदेंगे। 3 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

Kolar News 22 March 2023

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