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शिवराज सरकार के बजट में क्या रहा खास
शिवराज सरकार

शिवराज सरकार ने बजट में आधी आबादी को साधने की कोशिश की है, यानी फोकस महिलाओं पर रहा। खास बात ये है कि कुल बजट का करीब 33 फीसदी हिस्सा महिलाओं पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है। साफ है सरकार की नजर प्रदेश के 48 फीसदी वोटर्स पर है। क्योंकि 2013 के चुनाव की तुलना में 2018 के चुनाव में करीब 20 लाख से अधिक महिलाओं ने वोट किया था, इसका सीधा असर 52 सीटों पर पड़ा था।यही वजह है कि बजट में लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपए देने की बात हो या 12वीं में फर्स्ट डिवीजन पास होने पर ई-स्कूटी देने की घोषणा। सरकार इन प्रावधानों के जरिए वोटों को पुख्ता करते नजर आई। सरकार ने ये दांव चला, तो भला विपक्ष कैसे पीछे रह सकता था। शिवराज के इस मास्टर स्ट्रोक के जवाब में कमलनाथ ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ऐलान कर दिया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश की महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए दिए जाएंगे।

छात्राओं को ई-स्कूटी की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साइकिल देने की शुरुआत की थी। राज्य की छात्राओं को अभी साइकिल दी जाती है। शिवराज सरकार गांव की बेटी योजना के तहत 10वीं पास कर चुकी छात्राओं को साइकिल देती है।बजट में महिलाओं (4.09 करोड़ अनुमानित) के लिए 1 लाख करोड़ से ज्यादा राशि का प्रावधान किया गया है। इनमें से 2.60 करोड़ वोटर हैं। पिछले चुनाव में 2013 की तुलना में 20 लाख अधिक महिलाओं ने वोट किया था। इसका सीधा असर 230 में से 52 सीटों पर पड़ा था। बजट में आहार अनुदान योजना के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रसूति सहायता योजना के लिए 400 करोड़, लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़, कन्या विवाह और निकाह योजना के लिए 80 करोड़ रुपए तय किए गए हैं।राजनीतिक जानकार व वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र धनोतिया कहते हैं कि शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का अंतिम बजट वोटर्स को साधने के लिहाज से तैयार किया गया है। महिलाओं पर ज्यादा फोकस है। बजट में साफ दिखता है कि सरकार ने चुनाव को देखते हुए प्रदेश की आधी आबादी को साधने की कोशिश की है, लेकिन चुनाव में जितना समय बचा है, उसमें इन योजनाओं को अमल में लाना मुश्किल है। इसी तरह बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह लोकलुभावन लगता है, क्योंकि यह राशि प्राइवेट जॉब के लिए अप्रेंडिस में खर्च होगी। किसी ट्रेड या व्यवसाय में प्रशिक्षण को अप्रेन्टिस कहा जाता है।

 

Kolar News 2 March 2023

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